Parenting Tips: अपने बच्चों के दिल में जरूर झांके, जानिए क्या कहती है स्टडी

Children's heart disease: दिल की बीमारी बच्चों को भी हो सकती है। ऐसे में कुछ लक्षणों को पहचानकर बच्चों को दिल की बीमारी से सुरक्षित बचाया जा सकता है। बच्चों का जल्दी थक जाना, त्वचा का रंग बदलना जैसे कई संकेत हार्ट की बीमारी को बताते हैं। बच्चों के दिल की तेज धड़कन भी बीमारी का ही एक लक्षण है।

Parenting Tips: अपने बच्चों के दिल में जरूर झांके, जानिए क्या कहती है स्टडी
मुख्य बातें
  • बच्चों को भी हो रही है हार्ट प्रॉब्लम
  • पेरेंटिंग टिप्स में शामिल करें बच्चों के दिल का हाल
  • बच्चों का जल्दी थक जाना, त्वचा का रंग बदलना हो सकता है गंभीर संदेश

Children's Heart Disease: हार्ट प्रॉब्लम अब सिर्फ बड़े-बुजुर्गों को ही नहीं बच्चों को भी घेर रही है। दिल की बीमारी बच्चों के लिए भी बहुत खतरनाक साबित होती है। अक्सर लोग इस गलतफहमी में रहते हैं कि दिल की बीमारी केवल वयस्कों में होती है। हालांकि ये बीमारी किसी बच्चों में भी हो सकती हैं। बच्चों में आमतौर पर दो तरह के हृदय रोग होते हैं एक जन्मजात होने वाले हृदय रोग और एक जन्म के बाद होने वाले रोग। जन्मजात होने वाले हृदय रोगों के लिए कुछ दवाएं और धूम्रपान जैसे कारक जिम्मेदार होते हैं। वहीं, जन्म के बाद पीडियाट्रिक्स एक्वायर्ड विकसित हो सकता है, जिसमें रूमेटिक हार्ट डिजीज, कावासाकी डिजीज, दिल की मांसपेशियों में सूजन आना आदि शामिल होते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में, जिनसे आप बच्चों में होने वाले हृदय रोगों के बारे में पता लगा सकते हैं।

बच्चों में दिल की बीमारी के लक्षण

जल्दी थक जाना: यदि बच्चा जल्दी थक जाता है या फिर उसकी सांस फूलने लगती है और आप अपने बच्चों को कमजोर महसूस करते हैं, तो ये सब कमजोर दिल के लक्षण हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

त्वचा का रंग बदलना: यदि बच्चे की त्वचा का रंग अचानक बदलता हुआ दिखे, तो ये भी कमजोर दिल के लक्षण हो सकते हैं। दिल की बीमारी में त्वचा का रंग बदलकर पर्पल या फिर ग्रे-ब्लू होने लगता है। साथ ही होंठों, म्यूकस मेम्ब्रेन और नाखूनों का रंग भी बदलने लगता है।

दिल का तेज धड़कना: वैसे ये तो सभी जानते हैं कि एक स्वस्थ शरीर में दिल एक मिनट में 72 बार धड़कता है। हालांकि, बच्चों में ये धड़कन तेज होती है। 5 साल के एक बच्चे की दिल की धड़कन एक मिनट 78-82 बार धड़कती है। अगर इससे तेज बच्चे की धड़कन हो जाए, तो ये भी दिल की बीमारी का संकेत हो सकता है।

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अगर आपको बच्चे में इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं, तो बिना देर किए बच्चों को डॉक्टर को अवश्य दिखाएं। बच्चों में हार्ट डिजीज का सफल इलाज संभव है। जरूरत है तो समय पर सही उपचार की। इंटरनेशनली एक हजार बच्चों में से करीब 8 से 10 प्रतिशत बच्चे जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित होते हैं। भारत में प्रति वर्ष 2,40,000 बच्चे जन्मजात हार्ट डिजीज से पीड़ित होते हैं। इनमें से अधिकांश को बर्थ के पहले ही साल में कार्डियक सर्जरी करवानी पड़ती है।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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