Infectious Viral Disease: कोलकाता में फैली हाथ, पैर और मुंह की बीमारी, बच्चों के लिए है खतरनाक; जानें इस संक्रामक वायरल रोग के बारे में सब कुछ
Infectious Viral Disease: हाथ, पैर और मुंह की बीमारी के लिए कोई खास इलाज नहीं है, जो एंटरोवायरस जीनस के वायरस के कारण होता है, लेकिन बार-बार हाथ धोने और संक्रमित के साथ संपर्क से बचने से आपके बच्चे में संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
Infectious Viral Disease: कोलकाता में फैली हाथ, पैर और मुंह की बीमारी।
Infectious Viral Disease: डेंगू के मामलों में (Dengue Cases) बढ़ोतरी के बीच कोलकाता (Kolkata) में संक्रामक हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (Hand, Foot and Mouth Disease) में भी काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। हेल्थ प्रोफेशनल्स के मुताबिक जैसे-जैसे मानसून (Monsoon) कम होना शुरू हुआ है, शहर भर में कई मामले सामने आए हैं। हालांकि संक्रमण स्वयं-सीमित है, कुछ मामलों में विशेष रूप से छोटे बच्चों में ये जटिल हो सकता है और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है। डॉक्टर्स का कहना है कि ये स्थिति आमतौर पर 10 साल से कम उम्र के बच्चों (Childrens) को संक्रमित करती है, क्योंकि वे वायरस (Virus) के संपर्क में आने के बाद बीमारी को लेकर प्रतिरोधक क्षमता विकसित करना शुरू कर देते हैं।
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हाथ, पैर और मुंह की बीमारी के लिए कोई खास इलाज नहीं है, जो एंटरोवायरस जीनस के वायरस के कारण होता है, लेकिन बार-बार हाथ धोने और संक्रमित के साथ संपर्क से बचने से आपके बच्चे में संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। डॉक्टर्स की ओर से दी गई सलाह के मुताबिक इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावित बच्चों को कम से कम एक हफ्ते तक स्कूल नहीं भेजा जाना चाहिए।
हाथ, पैर और मुँह की बीमारी क्या है?
एनएचएस के अनुसार ये अत्यधिक संक्रामक वायरल संक्रमण बच्चों के हाथ, पैर और मुंह में दर्दनाक घावों का कारण बनता है, जबकि हाथ, पैर और नितंबों पर दाने भी दिखाई दे सकते हैं। प्रारंभिक संक्रमण से लक्षण प्रकट होने तक की सामान्य अवधि 3-6 दिन है और इस अवधि के दौरान बच्चों को बुखार भी हो सकता है और गले में खराश भी हो सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों की भूख भी कम हो जाती है।
संकेत और लक्षण
हाथ-पैर और मुंह की बीमारी नीचे बताए गए सभी लक्षणों या उनमें से केवल कुछ का कारण बन सकती है, जिनमें शामिल हैं:-
- तेज बुखार।
- गला खराब होना।
- जीभ, मसूड़ों और गालों के अंदर दर्दनाक छाले और घाव।
- हथेलियों, तलवों और कभी-कभी नितंबों पर दाने।
- शिशुओं और छोटे बच्चों में चिड़चिड़ापन।
- भूख न लगना चिड़चिड़ापन।
- लार टपकना।
हाथ, पैर और मुँह की बीमारी का क्या कारण हैं?
एक्सपर्ट्स के अनुसार ये बीमारी ज्यादातर कॉक्ससैकीवायरस के स्ट्रेन A16 के कारण होती है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत आसानी से फैलता है। आपको या आपके बच्चे को ये किसी व्यक्ति के संपर्क से प्राप्त हो सकता है जैसे:-
- लार।
- छालों से निकलने वाला तरल पदार्थ।
- मल।
- श्वसन संबंधी बूंदें जो खांसने या छींकने के बाद हवा में फैल जाती हैं।
- हाथ, पैर और मुंह की बीमारी गंदे हाथों या वायरस के निशान वाली सतह के सीधे संपर्क से भी फैल सकती है।
हाथ, पैर और मुँह की बीमारी का इलाज कैसे करें?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज्यादातर मामलों में संक्रमण एक हफ्ते या दस दिनों में बिना किसी इलाज के अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि आपका डॉक्टर बीमारी के ठीक होने तक लक्षणों को कम करने के लिए कुछ इलाज की सिफारिश कर सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- फफोले को शांत करने के लिए प्रिस्क्रिप्शन।
- दर्द की दवाई।
- गले की खराश को कम करने के लिए सिरप।
वहीं कुछ घरेलू इलाज हैं:-
- बर्फ के पॉप्सिकल्स चूसना।
- आइसक्रीम खाना।
- ठंडे पेय पदार्थ पीना।
- खट्टे फलों का सेवन सीमित करें।
- मसालेदार या नमकीन भोजन नहीं करना।
- छालों के कारण होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए दिन में दो बार अपने मुंह में गर्म नमक का पानी डालें।
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