2024 चुनाव: GYAN से बीजेपी करेगी विपक्ष को चित्त, कांग्रेस के जातिगत जनगणना मुद्दे की काट की रणनीति
जहां कांग्रेस नवंबर 2023 विधानसभा चुनाव से पहले हर दिन जाति-आधारित जनगणना के बारे में बात कर रही है, वहीं पीएम मोदी ने गरीब जाति का मुद्दा उठाकर मतदाताओं को साधने का कम कर रहे हैं।
पीएम मोदी बनाम राहुल गांधी
BJP GYAN: भारतीय जनता पार्टी के हिंदुत्व के मुद्दे का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस और राहुल गांधी ने देश भर में जाति-आधारित जनगणना का मुद्दा उछाला है। कांग्रेस इसे मुद्दा बनाकर बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड की काट करना चाहती है। लेकिन बीजेपी ने भी इसका जवाब देने की रणनीति तैयार कर ली है। सरकार ने दो प्रमुख मुद्दे उछाले हैं, पहला 'गरीब' और दूसरा 'ज्ञान'। जाति जनगणना की विपक्ष की मांग के मुकाबले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर में विधानसभा चुनावों के दौरान एक नया मुद्दा उछाला था। उन्होंने कहा था कि सरकार के लिए केवल एक ही जाति है और वह है 'गरीब लोग'। पीएम ने कहा कि एनडीए सरकार इस गरीब जाति की बेहतरी के लिए लगातार काम कर रही है।
'ज्ञान' के जरिए साधने की कोशिश
इसके दो महीने बाद लोकसभा चुनावों से ठीक पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 'ज्ञान' का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि ज्ञान में मोदी सरकार के चार मुख्य फोकस बिंदु शामिल हैं। ज्ञान का मतलब समझाते हुए सीतारमण ने कहा कि इसमें G का मतलब 'गरीब', Y का मतलब 'युवा', A का मतलब 'अन्नदाता' (किसान) और N का मतलब 'नारी' है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी इन चार जातियों पर ध्यान केंद्रित करने में विश्वास रखते हैं और सरकार इन चारों वर्गों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। वित्त मंत्री के इस बयान से साफ हो गया कि मोदी सरकार इन वर्गों को ध्यान में रखते हुए 2024 चुनाव की तैयारी में जुटी है।
इन चार वर्गों के लिए कई तरह की योजनाएं
सरकार पहले से ही इन चार वर्गों के लिए कई तरह के कार्यक्रम चला रही है। इनमें सौभाग्य बिजली योजना, उज्ज्वला एलपीजी सिलेंडर योजना, कौशल भारत या प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, टॉप्स और खेलो इंडिया के माध्यम से खेलों को बढ़ावा देना और किसान सम्मान निधि जैसी मोदी सरकार की कुछ अहम योजनाएं हैं। ये योजनाएं इन चार वर्गों के किसी भी गरीब परिवार की जरूरतें पूरी करती हैं। मोदी सरकार का लक्ष्य इन्हीं योजनाओँ को जरिए सियासी बढ़त हासिल करने की है।
योजनाओं से बीजेपी को फायदा
देश के मतदाताओं में महिलाओं और युवाओं का बहुमत है और एनडीए सरकार 2019 के चुनावों में इस वर्ग को खुश रखने में पूरी तरह सफल रही है। ऐसी योजनाओं के लगातार जारी रहने से आगामी चुनावों में भी बीजेपी-एनडीए को मदद मिलने की पूरी संभावना है। वहीं, कांग्रेस नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले हर दिन जाति-आधारित जनगणना के बारे में बात कर रही है। राहुल गांधी ने जाति जनगणना के साथ प्रधान मंत्री की 'गरीब' जाति टिप्पणी पर निशाना साधा, लेकिन उसे एहसास भी हो गया कि हाल के विधानसभा चुनावों के दौरान इस मुद्दे ने उसे फायदा नहीं पहुंचाया।
कांग्रेस को ढूंढ़नी होगी काट
वहीं, बीजेपी को इन योजनाओं को आगे बढ़ाने का मौका मिला। सवाल है कि क्या कांग्रेस बीजेपी के 'ज्ञान' और 'गरीब' जाति मुद्दे की काट ढूंढ़ सकती है? 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस को न केवल गठबंधन के मोर्चे पर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि उसे ऐसे चुनावी मुद्दे भी नहीं मिल रहे जो सीधे जनता के सरोकार से जुड़े हों। ऐसे में उसके सामने दोहरी चुनौती है। 2024 चुनाव से पहले कांग्रेस को इन दोनों मुद्दों से पार पाना होगा, नहीं तो वह लगातार तीसरी बार मोदी सरकार को आने से नहीं रोक सकेगी।
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