Ravindranath Tagore Death Anniversary: नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय थे रवीन्द्रनाथ टैगार, जानें उनके जीवन से जुड़ी खास बातें
Ravindranath Tagore Death Anniversary, Punyatithi 2023: रवीन्द्रनाथ टैगोर जी विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, और राष्ट्रगान के रचयिता थे। आज यानी 07 अगस्त को उनकी पुण्य तिथि मनाई जा रही है। बता दें साल 1913 में उन्हें नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था। यहां आप उनके जीवन से जुड़ी कुछ विशेष बातें जान सकते हैं।
Ravindranath Tagore Death Anniversary: नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय थे रवीन्द्रनाथ टैगोर
Ravindranath Tagore Death Anniversary, Punyatithi 2023: विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और जन-गण-मन अधिनायक के रचियता रवीन्द्रनाथ टैगोर की आज यानी 07 अगस्त को पुण्य (Ravindranath Tagore) तिथि है। कई क्षेत्रों में अपना परचम बुलंद करने वाले रवीन्द्रनाथ टैगोर आज किसी परिचय के मोहताज (Ravindranath Tagore Punyatithi) नहीं हैं। रवीन्द्रनाथ टैगोर अकेले ऐसे कवि हैं जिन्होंने ना केवल भारत बल्कि बांग्लादेश और श्रीलंका का राष्ट्रगान लिखा है।
रवीन्द्रनाथ टैगोर जी का जन्म 07 मई 1861 को कोलकाता में (Ravindranath Tagore Nobels) हुआ था। वह 13 भाई बहनों में सबसे छोटे थे। बचपन में ही टैगोर जी की माता का देहांत हो गया था, पिता ने उनका पाल पोषण किया।आपको शायद ही पता होगी कि उन्होंने महज 8 साल की उम्र में अपनी पहली कविता लिख दी थी। साल 1980 तक उन्होंने अनगिनत कविताएं और उपन्यास लिखा।
Ravindranath Tagor: पहले नोबेल पुरस्कार विजेताइतनी ही नहीं महाकाव्य गीतांजलि की रचना के लिए रवीन्द्रनाथ टैगोर को 13 नवंबर 1913 को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। गीतांजलि को बांग्ला में लिखी गई थी।साहित्य के क्षेत्र में अपना परचम बुलंद करने वाले वह एकमात्र भारतीय हैं। भारतीय संस्कृति को पश्चिमी दुनिया से परिचित करवाने वाले रवीन्द्रनाथ टैगोर को गुरू की उपाधि दी जाती है। टैगोर ने सेंट जेवियर स्कूल से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद, इंग्लैंड के ब्रिजटोन में पब्लिक स्कूल में दाखिला लिया। इसके बाद लंदन के एक विश्वविद्यालय में बैरिस्टर की पढ़ाई की, लेकिन 1980 में बिना डिग्री लिए वह भारत वापस लौट आए।
इस भाषा में लिखी थी पहली कवितारवीन्द्रनाथ टैगोर बचपन से ही कविताएं लिखने के शौकीन थे, लेकिन उनकी कविताएं लिखने का शौक घर वालों को पसंद नहीं थी। यही कारण था कि उन्होंने अपनी पहली कविता मैथिली में लिखी। ये किता छद्म नाम भानु सिंह पर लिखी गई थी। जब उन्होंने अपनी इस कविता को घर वालों को सुनाया तो उनके परिवार वाले काफी खुश हुए। इसके बाद टैगोर जी ने बांग्ला में कविता लिखा।
2000 से अधिक गीतों की रचनाबता दें अपने जीवनकाल में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कुल 8 उपन्यास, आठ कहानी संग्रह लिखा। इसके अलावा उन्होंने 1878 में कवि काहिनी, 1881 में बनफूल, 1881 भ्रग ह्रदय, 1882 में संध्या संगीत, 1884 में शैशव संगीत, 1890 में मानसी समेत 2230 गीतों की रचना की।
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