किस शहर में है कल्कि धाम? क्या है इसका महत्व और मान्यता, यहां जानें
कल्की धाम में भव्य मंदिर के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलान्यांस किया। जानिए कल्की धाम देश के किश शहर में है और इसकी क्या मान्यता है। यही नहीं आचार्य प्रमोद कृष्णम का इससे बहुत ही खास संबंध भी है।
कल्की धाम मंदिर की खास बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज कल्कि धाम मंदिर (Kalki Dham Temple) का शिलान्यांस किया। यह मंदिर अपने आप में अनोखा है, क्योंकि यह ऐसे भगवान से जुड़ा है, जिनका अभी तक जन्म या अवतरण नहीं हुआ है। सनातन (हिंदू) धर्म में भगवान विष्णु के 10 अवतारों का जिक्र है, जिनमें से उनका 10वां अवतार कल्कि के रूप में है। भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का यह कल्कि अवतार कलयुग के अंत में जन्म लेगा। जिस अवतार का अब तक जन्म नहीं हुआ है, उनके मंदिर का शिलान्यांस प्रधानमंत्री ने किया है।
किस शहर में है कल्कि धामकल्कि धाम उत्तर प्रदेश में संभल नाम के शहर में है। यह अमरोहा और मुरादाबाद के पास स्थित है। संभल के एंकरा कंबोह इलाके में इस मंदिर को बनाया जा रहा है। भगवान विष्णु के 10वें अवतार को समर्पित कल्कि धाम मंदिर को भगवा और सफेद रंग से सजाया जाएगा। हाल के दिनों में अयोध्या में राम लला के मंदिर के बाद कल्कि धाम ही सबसे ज्यादा चर्चा में रहा है।
इसलिए भी अनोखा है कल्कि धामसंभल का कल्कि धाम मंदिर यहां पांच एकड़ में बनाया जा रहा है और अगले 5 वर्षों में इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। यह मंदिर अन्य वजह से भी खास है, क्योंकि भगवान विष्णु के कल्कि अवतार को समर्पित इस मंदिर में दसों अवतारों के लिए अलग-अलग गर्भगृह होंगे। इस मंदिर के निर्माण के लिए राजस्थान में भरतपुर जिले के बंशी पहाड़पुर से लाए गए गुबाली पत्थर लाए गए हैं। ज्ञात हो कि हाल में अयोध्या में बने राम लला के मंदिर और गुजरात के सोमनाथ मंदिर का निर्माण भी इन्हीं गुलाबी पत्थरों से हुआ है। यहां कहीं भी स्टील और लोहे का उपयोग नहीं किया जाएगा। यही नहीं, कल्कि धाम के नए मंदिर में नए विग्रह को स्थापित किया जाएगा और पुराना कल्कि पीठ पहले की तरह बना रहेगा।
आचार्य प्रमोद कृष्णम का क्या है संबंधकल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम ही हैं। वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हैं और हाल ही में उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में कांग्रेस से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है। गौरतलब है कि निमंत्रण मिलने के बावजूद वरिष्ठ कांग्रेस नेता अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में नहीं गए थे। आचार्य प्रमोद कृष्णम अयोध्या गए और उनका दावा था कि कांग्रेस की तरफ से उन्हें अयोध्या न जाने का कोई निर्देश नहीं मिला है।
क्या है मान्यताधर्मशास्त्रों के अनुसार कल्कि को एक ब्राह्मण योद्धा बताया गया है। वह कलयुग में अधर्म का नाश करने के लिए जन्म लेंगे और सतयुग के वापस आने का रास्ता प्रशस्त करेंगे। कल्की पुराण के अनुसार कल्की का जन्म संभल गांव में होगा। उन्हें स्वयं परशुराम से अस्त्र-शस्त्र का ज्ञान मिलेगा। धर्मशास्त्रों के अनुसार भगवान शिव, उन्हें देवदत्त नाम का एक सफेद घोड़ा देंगे। कल्कि धाम में देवदत्त की मूर्ति भी लगी है। इस सफेद घोड़े के तीन पांव जमीन पर, जबकि एक पांव हवा में उठा है। लोगों की मान्यता है कि यह पांव धीरे-धीरे नीचे की ओर झुक रहा है और जिस दिन यह पूरी तरह झुककर जमीन पर लग जाएगा, उस दिन कल्कि अवतार लेंगे।
कल्कि धाम मंदिर की स्थापना को लेकर आचार्य प्रमोद कृष्णम करीब 18 साल पहले संकल्प ले चुके हैं। उनका संकल्प अब पूरा होने जा रहा है। प्रधानमंत्री ने मंदिर की आधारशिला रख दी है और अब 5 साल में यहां भव्य मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।
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