Delhi Chalo March: किसानों की धमकी से बैकफुट पर योगी सरकार, रातों रात दिया समिति बनाने का आदेश

Delhi Chalo March: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे गौतम बुद्ध नगर के किसानों के मुद्दों पर विचार करने के लिए बुधवार को एक समिति गठित करने का आदेश दिया।

Kisan Andolan, Delhi chalo march

किसान आंदोलन

Delhi Chalo March: किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली चलो मार्च के लिए विभिन्न बॉर्डर पर अड़े हैं। पंजाब-हरियाणा समेत यूपी के किसान भी आंदोलन का हिस्सा हैं। लगातार कई दिनों नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में भी किसान प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़प भी देखी जा रही है। वहीं, बुधवार को संगरूर-जींद सीमा पर खनौरी में पुलिस और किसानों के बीच झड़प के दौरान शुभकरण सिंह (21) नामक एक किसान की मौत हो गई। तो वहीं, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौतम बुद्ध नगर के किसानों के मुद्दों पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करने का आदेश दिया।

मुआवजे में वृद्धि की मांग

दरअसल, अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए स्थानीय किसान समूहों द्वारा पैदल दिल्ली कूच करने की धमकी दिए जाने के बाद देर रात यह घोषणा की गई। इससे पहले आठ फरवरी को दिल्ली कूच की असफल कोशिश की गई थी। किसान समूह स्थानीय प्रशासन और एनटीपीसी द्वारा अतीत में अधिगृहीत की गई जमीन के एवज में मुआवजे में वृद्धि एवं विकसित भूखंड की मांग कर रहे हैं। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अध्यक्ष की अगुवाई वाली यह समिति प्रदर्शनकारी किसानों के मुद्दों पर चर्चा करेगी और सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।

किसान हमारे भाई और अन्नदाता-अनुराग ठाकुर

उधर, किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान हमारे 'भाई' व 'अन्नदाता' हैं और केंद्र सरकार उनसे बातचीत के लिए तैयार है। ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों की अधिक आय सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। पंजाब-हरियाणा सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के मुद्दे पर मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हम पहले भी बातचीत के लिए तैयार थे और आज भी तैयार हैं और भविष्य में भी उनके मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार रहेंगे। ठाकुर ने कहा कि हमें कोई समस्या नहीं है क्योंकि वे हमारे भाई और अन्नदाता हैं। केंद्रीय मंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि व संबद्ध क्षेत्रों में उच्च वृद्धि प्राप्त करने के लिए मोदी सरकार की विभिन्न योजनाओं को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दोगुना कर दिया है और खरीद भी दोगुना से अधिक बढ़ा दी गई है।

ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में गेहूं, धान, तिलहन और दालों की खरीद पर 18.39 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं जबकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने 5.5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थे। मंत्री ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के 10 वर्षों के दौरान किसानों को दिए गए उच्च एमएसपी और संप्रग सरकार के पिछले 10 वर्षों की तुलना में अधिक खरीद की भी तुलना की।

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