उत्पीड़न से परेशान युवक ने CMO के सामने खाया जहर, युवक की हालत गंभीर, निजी अस्ताल को लेकर है पूरा मामला

बदायूं में एक निजी अस्पताल के संचालक ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से परेशान होकर उसके दफ्तर में उसके सामने ही जहर खा लेता है। जहर खाने से युवक की हालत बहुत ज्यादा बिगड़ जाती है। वहां से उसे दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया जाता है।

Badaun CMO News (प्रतीकात्मक चित्रण)

Badaun CMO News (प्रतीकात्मक चित्रण)

Badaun CMO News: बदायूं से उत्पीड़न का मामला सामने आया है, जहां एक निजी अस्पताल के संचालक मुख्य चिकित्सा अधिकारी से परेशान होकर उसके दफ्तर पहुंच जाता है और उसके सामने ही जहर खा लेता है। जहर खाने से युवक की हालत बहुत ज्यादा बिगड़ जाती है। वहां से उसे दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। हालांकि युवक के परिजनों ने सीएमओ और विभागीय अधिकारियों के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि मामला निजी अस्पताल को लेकर है। सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के दहेमी गांव के इस युवक का शहर में जिला प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के पास राजश्री नाम से अपना अस्पताल है।

जाने क्या है पूरा मामला

मामला नौ मार्च का है। जब एक प्रेग्नेंट महिला का अस्पताल में प्रसव कराया गया तो खून की कमी पर डॉक्टर ने परिजनों को खून का प्रबंध करने के लिए कहा, लेकिन परिवार वाले खून का इंतजाम नहीं कर पाए, जिससे बाद में महिला को दूसरे अस्पताल ले जाने को कहा। हालांकि परिवार वाले उसे दूसरे अस्पताल ले गए लेकिन महिला की वहां मौत हो गई। जिसको लेकर मृतक के परिवार वाले ने अस्पताल में जम कर तोड़फोड़ और लूटपाट की। इसकी सूचना मिलते ही सीएमओ और नायब तहसीलदार ने अस्पताल सील कर दिया।

महिला के परिजनों ने दर्ज कराई FIR

बाद में महिला के परिजनों ने थाना में तहरीर दे दी। बताया जा रहा है कि बाद में युवक के खिलाफ बिना रजिस्ट्रेशन अस्पताल चलाने की भी एफआईआर दर्ज करा दी जबकि युवक का कहना है कि रजिस्ट्रेशन 31 मार्च को खत्म होना था। अस्पताल सील होने के कारण रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि अस्पताल सील होने के बाद युवक हर महीने किराया दे रहा था। इसी को लेकर युवक लगातार सीएमओ से मामले की जांच कराने और अस्पताल बंद कराने की मांग रहा था। लेकिन उनका कहना है कि विभागीय अधिकारी उत्पीड़न कर रहे थे, जिसको लेकर गौरव ने सीएमओ के सामने ही जहर खा लिया। फिलहाल गौरव की हालत में सुधार बताई जा रही है।

क्या कहा सीएमओ ने

हांलाकि सीएमओ डॉ. प्रदीप वार्ष्णेय ने बताया कि एक महिला की मौत हो गई थी, जिसके कारण अस्पताल को सील कर दिया था। लेकिन अस्पताल संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज को लेकर सीएमओ ने मना कर दिया। उन्होंने अस्पताल को सील करने का कारण नवीनीकरण न होने का कारण भी बताया।

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