नए टैक्स रिजीम में भी ले सकेंगे छूट, ये हैं इनकम टैक्स बचाने के तरीके

New Tax Regime And Income Tax saving options: न्यू टैक्स रिजीम को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए, सरकार ने 50 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को शामिल कर दिया है। हालांकि इसका फायदा केवल वेतनभोगी और पेंशन पाने वाले लोगों को ही मिलता है।

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ऐसे बचेगा इनकम टैक्स

New Tax Regime And Income Tax saving options: नए वित्त वर्ष से सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम को कहीं ज्यादा आकर्षक बना दिया है। इसमें 7 लाख रुपये तक इनकम टैक्स फ्री हो गई है। साथ ही सरकार ने टैक्स स्लैब में राहत देकर कम टैक्स देने का भी विकल्प दिया है। हालांकि नई टैक्स रिजीम में 80 C की तहत मिलने वाली 1.50 लाख रुपये की छूट, होम लोन के ब्याज सहित मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम पर टैक्स छूट के विकल्प नहीं मिलते हैं। लेकिन ये छूटें हटने के बावजूद कुछ ऐसे विकल्प हैं, जिनका आयकरदाता इस्तेमाल कर इनकम टैक्स बचा सकता है।

ये हैं नया टैक्स स्लैब और उस पर लगने वाला इनकम टैक्स रेट

नया टैक्स स्लैबनया टैक्स रेट
3 लाख तक0%
3-6 लाख5 %
6-9 लाख10 %
9-12 लाख15%
12-15 लाख20 %
15 लाख से ज्यादा30 %

50 हजार रुपये का स्टैण्डर्ड डिडक्शन

न्यू टैक्स रिजीम को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए, सरकार ने 50 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को शामिल कर दिया है। हालांकि इसका फायदा केवल वेतनभोगी और पेंशन पाने वाले लोगों को ही मिलता है। इसके तहत किसी भी व्यक्ति की टोटल इनकम में 50 हजार की राशि कम कर दी जाती है। यानी अगर कुल इनकम 10 लाख रुपये है तो स्टैण्डर्ड डिडक्शन के बाद इनकम 9.5 लाख रह जाएगी। और उसी राशि पर टैक्स कैलकुलेशन किया जाएगा।

लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी से लीजिए फायदा

अगर आपकी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी मेच्योर हो रही है, तो मेच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स बेनिफिट लिया जा सकता है। लेकिन अगर किसी के पास यूलिप (ULIP) या एंडोमेंट प्लान (Endowment Plan) है, तो यह बेनिफिट हासिल करने के लिए कुछ शर्तों का पूरा होना जरूरी है। इसके तहत एक फरवरी 2021 के बाद खरीदी गई पॉलिसी पर एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा प्रीमियम देने पर मेच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स देना पड़ता है।

इसी तरह PPF और सुकन्या समृद्धि अकाउंट की मेच्योरिटी राशि पूरी तरह टैक्स फ्री होती है। जो कि EEE कैटेगरी में आता है।

EPF की राशि पर छूट

नियोक्ता की तरफ से आपके EPF में आम तौर पर बेसिक सैलरी के 12 फीसदी के बराबर कंट्रीब्यूशन किया जाता है। इस कंट्रीब्यूशन पर न्यू टैक्स रिजीम में भी छूट मिलती है। हालांकि इसके लिए नियोक्ता की तरफ से मिलने वाला सालाना रिटायरमेंट बेनिफिट 7.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।

इसी तरह NPS अकाउंट में नियोक्ता की तरफ से होने वाले कंट्रीब्यूशन पर भी छूट का प्रावधान है। जो कि कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते के अधिकतम 10 फीसदी तक के कंट्रीब्यूशन पर ही मिलता है। वहीं सरकारी कर्मचारियों को 14 फीसदी तक के कंट्रीब्यूशन पर फायदा मिलता है।

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