गोल्ड ज्वैलरी को बनाइए डिजिटल , मोदी सरकार नहीं लेगी ये टैक्स

सोने की धातु को 'इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद' (Electronic Gold Receipt) में बदलने या EGR को सोने में बदलने पर कोई भी पूंजीगत लाभ कर नहीं लगाया जाएगा।

Capital gains tax on Gold jewellery digital

डिजिटल गोल्ड में निवेश के लाभ पर नहीं लगेगा टैक्स

सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि वास्तविक सोने को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट (Electronic Gold Receipt) या इसके विपरीत में बदलने पर कोई पूंजीगत लाभ टैक्स (capital gains taxes) नहीं लगेगा। यानी आप सोने की ज्वैलरी को बेचकर डिजिटल तौर पर गोल्ड में निवेश करते हैं तो इससे मिलने वाले लाभ पर टैक्स नहीं लेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के अपने बजट भाषण में कहा कि फिजिकल गोल्ड के इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट (EGR) में रूपांतरण और इसके विपरीत को हस्तांतरण के रूप में नहीं माना जाना चाहिए और न ही किसी पूंजीगत लाभ को आकर्षित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे सोने (Gold) के इलेक्ट्रॉनिक समकक्ष में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

डिपॉजिटरी गोल्ड रिसीट्स या EGR का स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार होता है। इस व्यवस्था में, निवेशक असली सोना प्राप्त करने के बजाय एक अभौतिक रूप में सोना खरीदते हैं और इसके बदले उन्हें सोने की रसीदें दी जाती हैं। ईजीआर को मूल रूप से बीएसई प्लेटफॉर्म पर पेश किया गया था, जो एक स्टॉक एक्सचेंज है।

सरकार की इस घोषणा से गोल्ड के इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप EGR में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। ईजीआर शेयर बाजार पर कारोबार की जाने वाली डिपॉजिटरी गोल्ड प्राप्तियां हैं। इस रूप में निवेशक सोने के इलेक्ट्रॉनिक रूप की खरीदारी करते हैं और उन्हें सोना धातु के स्थान पर स्वर्ण प्राप्तियां दी जाती हैं।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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