Jio नया धमाका करने की तैयारी में, सेटेलाइट और मोबाइल सेवा के लिए दिया नया प्लान !
Jio Suggest Auction For Satellite Services: जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस ने उपग्रह और मोबाइल फोन सेवा नेटवर्क के लिए स्पेक्ट्रम के लचीले (विभिन्न प्रकार से) इस्तेमाल की अनुमति देने के लिए दूरसंचार नियामक ट्राई को पत्र लिखा है।
जियो की नई प्लानिंग
Jio Suggest Auction For Satellite Services: टेलीकॉम कंपनी जियो एक नया धमाका करने की तैयारी में है। इसके लिए उसने सेटेलाइट और मोबाइल सेवा के इस्तेमाल में लचीला रूख अपनाने की मांग की है। यानी कंपनियां अपनी जरूरत के हिसाब से सेटलाइट और मोबाइल सेवाओं का इस्तेमाल अपनी सेवाओं के लिए कर सके। जियो ने इसके लिए बकायदा टेलीकॉम नियामक भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को लेटर लिखा है। और अपनी इस दलील के पीछे न्यूजीलैंड का हवाला दिया है। जहां पर स्पेक्ट्रम यूज का लचीले तरीके से इस्तेमाल करने की छूट है।
लेटर में क्या लिखा
जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस ने उपग्रह और मोबाइल फोन सेवा नेटवर्क के लिए स्पेक्ट्रम के लचीले (विभिन्न प्रकार से) इस्तेमाल की अनुमति देने के लिए दूरसंचार नियामक ट्राई को पत्र लिखा है। कंपनी ने पांच सितंबर को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन पी डी वाघेला को लिखे पत्र में कहा कि प्रौद्योगिकी विकसित हो रही है जो उपग्रह तथा स्थलीय नेटवर्क के विकास को सक्षम बनाएगी। इसलिए नियामक को स्थलीय तथा उपग्रह सेवाओं के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी के लचीले इस्तेमाल पर विचार करना चाहिए।
पत्र में जियो सैटेलाइट ने 24-30 गीगाहर्ट्ज बैंड में उच्च फ्रीक्वेंसी के लचीले उपयोग की अनुमति देने के न्यूजीलैंड सरकार के फैसले का हवाला दिया।कंपनी ने कहा कि न्यूजीलैंड की मंत्रिमंडल की आर्थिक विकास समिति ने सैटेलाइट तथा मोबाइल सेवाओं के लिए 24-30 गीगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम आवंटित करने का फैसला किया है।देश में अभी संयुक्त राष्ट्र निकाय अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ के निर्णयों के आधार पर सेवाओं के एक विशेष सेट के लिए स्पेक्ट्रम फ्रीक्वेंसी को निर्धारित किया जाता है।
सैटेलाइट सर्विस के लिए स्पेक्ट्रम की हो नीलामी
असल में जियो, सैटेलाइट सेवाओं के लिए केवल नीलामी के माध्यम से स्पेक्ट्रम आवंटन को नियम लागू करने की बात कर रहा है । जबकि सैटेलाइट सेवा देने वाली कंपनियों ने प्रशासनिक पद्धति के माध्यम से रेडियो फ्रीक्वेंसी के आवंटन की मांग की है। सैटेलाइट कंपनियों ने तर्क दिया है कि वे कक्षीय स्थिति के साझा आधार पर स्पेक्ट्रम का उपयोग करते रहे हैं। Ka और Ku बैंड के जरिए सेवाएं देने की तैयारी है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
भारत में इस साल 11,000 करोड़ रुपये की अघोषित आय, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
Share Market Today: लाल निशान पर बंद हुई शेयर मार्केट, सेंसेक्स 236 तो निफ्टी 93 अंक गिरा
November Inflation: रिटेल महंगाई नवंबर में घटकर 5.48 फीसदी पर पहुंची, खाने-पीने के दाम घटने का असर
डिजिटल, बुनियादी ढांचे और समावेशी विकास भारत को बना रहा है ग्लोबल पावर, IEC 2024 में बोले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल
IEC 2024: पिछली तिमाही में क्यों सुस्त पड़ी इकोनॉमी? बोले पीयूष गोयल- 'सरकार क्वार्टर से क्वार्टर तक नहीं चलती'
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited