Indian Railway Coach: ट्रेन के कोच पर लिखे नंबरों का मतलब जानते हैं आप, आखिर क्या बताते हैं पहले दो अंक

Indian Railway Coach: हर एक कोच पर पांच अंकों का एक नंबर लिखा होता है। यह उस कोच के बारे में कई सारी जानकारियां प्रदान करता है। पहले दो नंबर उस साल को दर्शाते हैं, जिस साल कोच को बनाया गया था। कभी गौर किया है कि ट्रेन के कोच नंबरों के पीछे की कहानी क्या है।

Indian Railway Coach

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Indian Railway Coach: भारतीय रेलवे रोजाना देश के लाखों लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती है। कनेक्टिविटी पर मोदी सरकार के जोर ने भारतीय रेलवे पर फिर से ध्यान केंद्रित कर दिया है। रेलवे को लगातार आधुनिक बनाया जा रहा है। हाई स्पीड की ट्रेनें चलाई जा रही हैं। भारतीय रेल वर्षों से लोगों को एक जगह से दूसरे जगह पहुंचा रही है। लेकिन सफर के दौरान क्या आपने कभी गौर किया है कि ट्रेन के कोच नंबरों के पीछे की कहानी क्या है।

पांच अंकों का नंबर

हर एक कोच पर पांच अंकों का एक नंबर लिखा होता है। यह उस कोच के बारे में कई सारी जानकारियां प्रदान करता है। पहले दो नंबर उस साल को दर्शाते हैं, जिस साल कोच को बनाया गया था। इसकी तरह बाकी के नंबर भी कुछ न कुछ बताते हैं। उदाहरण के लिए 04337 नंबर वाली बोगी से पता चलता है कि इसका निर्माण 2004 में किया गया था और कोच स्लीपर है, जिसे संख्या 337 द्वारा दर्शाया गया है।

नंबर 1-200 वातानुकूलित (एसी) कोचों को दर्शाते हैं
  • 001-025 एसी प्रथम श्रेणी को दर्शाता है।
  • 026-050 कम्पोजिट फर्स्ट एसी और एसी 2 टायर को दर्शाता है।
  • 051-100 का मतलब एसी 2 टियर है।
  • 101-150 का मतलब एसी 3 टियर है।
  • 151-200 एसी चेयर कार को दर्शाता है।

अन्य कोच

  • 200-400 नंबर से पता चलता है कि यह स्लीपर क्लास का कोच है।
  • 400-600 नंबर जनरल कोच को दर्शाते हैं।
  • 600-700 नंबर चेयर कार के लिए हैं।
  • 700-800 इस बात की जानकारी देते हैं कि कोच बैठने और सामान रखने के लिए है। इन कोचों का उपयोग दिव्यांग यात्रियों के लिए भी किया जाता है।
  • 800 से ऊपर की संख्या दर्शाती है कि कोच में पेंट्री, जनरेटर या मेल रखने की व्यवस्था है।

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