Maha Shivratri Rudrabhishek: महाशिवरात्रि पर कैसे करें रुद्राभिषेक, जानें पूजा विधि और मुहूर्त
Rudrabhishek Vidhi and Mantra: महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई लोग रूद्राभिषेक करते हैं। कहते हैं अगर सच्चे मन से शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया जाए तो भगवान शिव की कृपा से हर मनोकामना पूर्ण होती है।
रूद्राभिषेक की पूजा विधि और नियम
Maha Shivratri 2023 Puja Vidhi, Muhurat, Vrat Katha, Mantra, Aarti in Hindi: Read Here
Rudrabhishek Shubh Muhurat रुद्राभिषेक का शुभ मुहुर्त
शिवरात्रि पर शिवलिंग की चार प्रहर में पूजा की जाती है ।
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय- 18 फरवरी को 06:18 PM से 09:31 PM तक
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय- 18 फरवरी को 09:31 PM से 19 फरवरी को 12:44 PM तक
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय- 19 फरवरी को 12:44 AM से 03:57 AM तक
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय- 19 फरवरी को 03:57 AM से 07:10 AM तक
महाशिवरात्रि पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त (निशिता काल)- 19 फरवरी 2023, 12:18 AM से 01:10 AM तक।
Maha Shivratri Per Rudrabhishek Kaise Kare रुद्राभिषेक करने की विधि
1.सबसे पहले प्रातः काल उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
2.भगवान शिव का ध्यान लगाकर व्रत संकल्प लें।
3.पूजा सामग्री के लिए: जल,दूध,दही, शहद,बेलपत्र, भांग, धतूरा,धूप, दीप,फल,मिष्ठान, नैवेद्य लें।
4. मन्दिर या घर पर विराजमान शिवलिंग को दूध ,दही ,घी , शहद,गंगाजल से तैयार पंचामृत से स्नान करवाएं।
5. अब दूध और गंगाजल से शिवलिंग का रुद्राभिषेक करते हुए ॐ नमः शिवाय का उच्चारण करें।
6. रुद्राभिषेक करतें हुए महामृत्युंज मंत्र , शिव तांडव का उच्चारण करें।
7. अब शिवलिंग को भस्म या चंदन का त्रिपुंड तिलक करें।
8. शिवलिंग पर भांग, धतूरा , बेलपत्र ,सफेद फूल अर्पित करें।
9. घी का दीपक लगाकर शिवजी की आरती करें और शिव चालीसा का पाठ करें।
10. भगवान शंकर को खीर ,हलवा या मालपुआ का भोग लगाएं।
Rudrabhishek Mantra: इन मंत्रो के साथ करें शिवलिंग का रुद्राभिषेक
ॐ नम: शम्भवाय च मयोभवाय च नम: शंकराय च
मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च ॥
ईशानः सर्वविद्यानामीश्व रः सर्वभूतानां ब्रह्माधिपतिर्ब्रह्मणोऽधिपति
ब्रह्मा शिवो मे अस्तु सदाशिवोय् ॥
तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
अघोरेभ्योथघोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः सर्वेभ्यः सर्व सर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररुपेभ्यः ॥
वामदेवाय नमो ज्येष्ठारय नमः श्रेष्ठारय नमो
रुद्राय नमः कालाय नम: कलविकरणाय नमो बलविकरणाय नमः
बलाय नमो बलप्रमथनाथाय नमः सर्वभूतदमनाय नमो मनोन्मनाय नमः॥
सद्योजातं प्रपद्यामि सद्योजाताय वै नमो नमः ।
भवे भवे नाति भवे भवस्व मां भवोद्भवाय नमः ॥
नम: सायं नम: प्रातर्नमो रात्र्या नमो दिवा ।
भवाय च शर्वाय चाभाभ्यामकरं नम: ॥
यस्य नि:श्र्वसितं वेदा यो वेदेभ्योsखिलं जगत् ।
निर्ममे तमहं वन्दे विद्यातीर्थ महेश्वरम् ॥
त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिबर्धनम् उर्वारूकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात् ॥
सर्वो वै रुद्रास्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु । पुरुषो वै रुद्र: सन्महो नमो नम: ॥
विश्वा भूतं भुवनं चित्रं बहुधा जातं जायामानं च यत् । सर्वो ह्येष रुद्रस्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु ॥
2. ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें।।
3. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिबर्धनम् उर्वारूकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात् ॥ का 108 बार जाप करें।
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