अजब पाकिस्तान की गजब सरकार ! जनता आटे को तरस रही और माननीयों के वेतनों में हो रही लाखों की वृद्धि

पाकिस्तान भी अजब है, लोग खाने के लिए तरस रहे हैं, महंगाई के कारण भरपेट भोजन नहीं मिल रहा है और नेताओं की सैलरी में लाखों की वृद्धि हो रही है। एक के बाद एक माननीयों का वेतन उस वक्त बढ़ाया जा रहा है, जब पाकिस्तान IMF से लिए गए कर्जे पर अपना दिन काट रहा है। अब पाकिस्तानी सरकार ने नेशनल असेंबली के स्पीकर और सीनेट चेयरमैन की सैलरी में लाखों की वृद्धि कर दी है।

पाकिस्तान में नेशनल असेंबली के स्पीकर की सैलरी 500 प्रतिशत बढ़ी
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पाकिस्तान में नेशनल असेंबली के स्पीकर की सैलरी 500 प्रतिशत बढ़ी

वित्तीय संकट और महंगाई की मार झेल रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार ने एक और चौंकाने वाला फैसला लिया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नेशनल असेंबली के स्पीकर अयाज सादिक और सीनेट चेयरमैन यूसुफ रजा गिलानी का वेतन 500 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है।

मिलेंगे 13 लाख रुपये
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मिलेंगे 13 लाख रुपये

पाकिस्तान में दोनों शीर्ष संवैधानिक पदाधिकारियों को हर महीने 13 लाख पाकिस्तानी रुपए वेतन मिलेगा, जबकि पहले यह राशि केवल 2.05 लाख रुपए थी। यह वृद्धि 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगी।

सांसदों और सीनेटरों के लिए 519 लाख रुपए मासिक वेतन
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सांसदों और सीनेटरों के लिए 5.19 लाख रुपए मासिक वेतन

पिछले कुछ महीनों में शरीफ सरकार ने मंत्रियों, सलाहकारों, सांसदों और अब स्पीकर और चेयरमैन के वेतन में भारी बढ़ोतरी की है। मार्च में कैबिनेट मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और सलाहकारों के वेतन में 188 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। वहीं, सांसदों और सीनेटरों के लिए 5.19 लाख रुपए मासिक वेतन स्वीकृत किया गया था।

 जनता त्रस्त सरकार मस्त
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जनता त्रस्त, सरकार मस्त

यह सब उस वक्त हो रहा है जब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कर्ज, राजनीतिक अस्थिरता, बेरोजगारी, महंगाई और ईंधन तथा बिजली दरों में भारी बढ़ोतरी से त्रस्त है। आम जनता को जहां कमर कसने की सलाह दी जा रही है, वहीं सरकार अपने ही खर्च बढ़ा रही है।

पाक कैबिनेट में 51 सदस्य
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पाक कैबिनेट में 51 सदस्य

शरीफ सरकार ने जब सत्ता संभाली थी, तब कैबिनेट में केवल 21 सदस्य थे, जिसे बढ़ाकर अब 51 सदस्यों तक कर दिया गया है। यानि सरकार खर्चे बेतहाशा बढ़ रहे हैं।

जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा फैसला
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जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा फैसला

देश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति के बीच यह वेतन वृद्धि आम जनता के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसी लग रही है। आलोचकों का कहना है कि अगर यही ‘आर्थिक सुधार’ का रास्ता है, तो पाकिस्तान को मुश्किलों से उबरने में लंबा वक्त लग सकता है।

IMF के भरोसे पाकिस्तान
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IMF के भरोसे पाकिस्तान

पाकिस्तान आजादी के कुछ सालों बाद से ही IMF पर निर्भर रहा है। पाकिस्तान ने 1958 से अब तक IMF से 28.96 अरब डॉलर का कर्ज ले चुका है। हाल ही में 760 मिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्ज है।

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