कौन हैं निगार शाजी? जिनके हाथ में आदित्य L1 की कमान, सरकारी स्कूल से पढ़ीं और ISRO तक पहुंचीं

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) के सूर्य मिशन Aditya-L1 प्रोजेक्ट डायरेक्टर वैज्ञानिक निगार शाजी (Niger Shaji) ने साबित कर दिया कि महिला शक्ति अब देश को नई दिशा देंगी। जानिए इनके बारे में, ये हैं कौन?

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सूर्य मिशन आदित्य एल1 की डायरेक्टर निगार शाजी (तस्वीर-PTI)

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) में महिला शक्ति धीरे-धीरे सामने आ रही है। वह भी महत्वपूर्ण भूमिका के तौर पर। भारत के सूर्य मिशन Aditya-L1 में प्रोजेक्ट डायरेक्टर एक महिला वैज्ञानिक ने थी। उनका नाम निगार शाजी (Niger Shaji) है। आइए उनके बारे में जानते हैं। सफलतापूर्वक आसमान में उड़ान भरने वाले आदित्य एल1 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर निगार शाजी तमिलनाडु के तेनकासी जिले में केरल की सीमा से लगे शहर शेंगोट्टई के मूल निवासी हैं। 59 वर्षीय शाजी ने सेनगोट्टई के SRM सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। शाजी प्रतिभाशाली छात्रा रही हैं वह 10वीं कक्षा में जिले में प्रथम और 12वीं कक्षा में स्कूल में प्रथम स्थान पर रही। शेंगोट्टई प्रसिद्ध पर्यटन शहर कोर्टालम के करीब है। यह शहर अपने झरनों के लिए जाना जाता है। उन्होंने तिरुनेलवेली सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज से BE किया। शाजी भारत के पहले, दूसरे, तीसरे चंद्र मिशन प्रोजेक्ट डायरेक्टर क्रमशः मायलस्वामी अन्नादुरई, एम वनिता और पी वीरमुथुवेल के साथ का किया। इसके बाद शाजी ने आदित्य एल1 प्रोजेक्ट के प्रमुख के तौर पर काम किया।

1987 में इसरो ज्वाइन करने के बाद शाजी ने अंतरिक्ष एजेंसी में संचार, उपग्रह, डिजाइन और नियंत्रण प्रणाली समेत कई क्षेत्रों में काम किया। वह राष्ट्रीय संसाधन निगरानी और प्रबंधन के लिए भारतीय रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट, रिसोर्ससैट-2ए की एसोसिएट प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी थीं। शाजी के पास 35 वर्षों से अधिक का कार्य अनुभव है। उन्होंने इमेज कंप्रेशन और सिस्टम इंजीनियरिंग पर कई पत्र लिखे हैं। उन्होंने अपने कार्यों के तहत नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी सहित कई अंतरिक्ष एजेंसियों का भी दौरा किया है।

आदित्य एल1 के सफल प्रक्षेपण के बाद यहां मिशन नियंत्रण केंद्र के मंच पर खड़े होकर शाजी ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए एक सपना सच होने जैसा है। उन्होंने आदित्य एल1 मिशन में यू आर राव के योगदान को भी याद किया। यह इसरो के पूर्व अध्यक्ष थे जिन्होंने अंतरिक्ष यान पर कई पेलोड लगवाए। जबकि प्रारंभिक योजना सिर्फ एक को ले जाने की थी। शाजी के भाई एस शेख सलीम ने कहा कि परिवार को उनकी छोटी बहन की उपलब्धियों पर बहुत गर्व था। हम सुबह से ही तनाव में थे क्योंकि हम जानते थे कि चीजें कभी भी गलत हो सकती हैं। लेकिन जब हमने सफल लिफ्ट-ऑफ देखा तो हमें राहत मिली। सलीम ने कहा कि अपनी बहन को मंच से भाषण देते देखना हमारे लिए गर्व का क्षण था। उन्होंने कहा कि शाजी अपने स्कूल के दिनों से ही एक प्रतिभाशाली छात्रा थीं और तेनकासी शिक्षा जिले में प्लस-टू परीक्षा में प्रथम स्थान पर रहीं।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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