उर्जित पटेल पर तब आपा खो बैठे थे PM मोदी, बताया था- 'पैसों के ढेर पर बैठने वाला सांप'...पूर्व वित्त सचिव का खुलासा

Narendra Modi on Urjit Patlel: समूचे किस्से का जिक्र पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग की किताब "वी आल्सो मेक पॉलिसी" (हम भी नीति बनाते हैं) में है, जो कि हार्पर कॉलिन्स की ओर छापी गई है और यह बुक इसी साल अक्टूबर में रिलीज होनी है।

Narendra Modi on Urjit Patlel

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

Narendra Modi on Urjit Patlel: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैसे तो खुशमिजाज स्वभाव के हैं, पर जब वह गुस्सा होते हैं तब बुरी तरह आपा खो बैठते हैं। उनके इसी गुस्से की बानगी रिजर्व बैंक (आरबीआई) के तत्कालीन गर्वनर उर्जित पटेल के सामने देखने को मिली थी। मोदी ने तब उनकी तुलना पैसों के ढेर पर बैठने वाले सांप से करा दी थी।

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हालांकि, यह वाकया थोड़ा पुराना है। पर इसका खुलासा पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने किया है। उनकी लिखी किताब "वी आल्सो मेक पॉलिसी" (हम भी नीति बनाते हैं) में इस किस्से का जिक्र मिलता है। अक्टूबर में रिलीज़ होने वाले इस पुस्तक में लेखक ने बताया है- तब कठिन आर्थिक स्थिति और सरकार के साथ आरबीआई के बीच काफी तनाव के मद्देनजर अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए 14 सितंबर, 2018 को बैठक बुलाई गई थी।

गर्ग के मुताबिक, पटेल और तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली और प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा सहित और सरकारी अधिकारियों के साथ लगभग दो घंटे तक प्रेजेंटेशन और चर्चाओं को सुनने के बाद मोदी को "कोई हल न निकलता" दिखा। उन्होंने (पटेल ने) कुछ सिफारिशें पेश कीं, जिसके कुछ देर बाद पीएम आपा खो बैठे और पटेल पर हमला करते नजर आए।

बकौल पूर्व वित्त सचिव, "मैंने उन्हें पहली दफा उन्हें (मोदी को) इतने गुस्से में देखा था।" गर्ग ने किताब में 'गवर्नर उर्जित पटेल इस्तीफा' नाम के चैप्टर में लिखा है, ''उन्होंने उर्जित पटेल की तुलना धन के ढेर पर बैठे सांप से की, क्योंकि वह आरबीआई के संचित भंडार को किसी भी इस्तेमाल में लेने के प्रति अनिच्छुक थे।'' चैप्टर में पटेल के इस्तीफे से पहले के हालात दर्शाए गए हैं।

गर्ग के अनुसार, "उन्होंने (पीएम ने) कुछ गंभीर और कठिन बातें कहीं। उन्होंने ऐसे कई विषय उठाए, जहां आरबीआई की हठधर्मिता भारत को नुकसान पहुंचा रही थी। उन्होंने बरकरार रखे गए अधिशेष का विषय भी उठाया...उन्होंने एक पीएम के नाते पटेल को बिना निर्देश जारी किए बोर्ड की बैठक बुलाने और जेटली व वित्त टीम के परामर्श से मुद्दों का हल खोजने को कहा था।''

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अभिषेक गुप्ता author

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