सस्ते लोन और ई-बसों से लेकर डिजीलॉकर के विस्तार तक...मोदी कैबिनेट ने लिए ये बड़े फैसले, जानिए डिटेल में

‘PM Vishwakarma’ Scheme: रोचक बात है कि पीएम मोदी ने एक रोज पहले15 अगस्त को विश्वकर्मा योजना का ऐलान किया था, जिसके जरिए गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल कार्यों को बढ़ाने वाले कामगारों का कौशल विकास किया जाएगा और उन्हें ऋृण सुविधा के साथ बाजार पहुंच प्रदान करने में मदद की जाएगी।

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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव।

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

‘PM Vishwakarma’ Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार (16 अगस्त, 2023) को कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए। दोपहर को इन निर्णयों से जुड़ी जानकारी केंद्रीय मंत्रियों की ओर से प्रेस को दी गई। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और सूचना-प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया को इस दौरान विस्तार से बताया कि सरकार ने कौन-कौन सी योजनाओं और प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दी है।

मंत्रिमंडल ने 13,000 करोड़ रुपए की लागत वाली विश्वकर्मा योजना को हरी झंडी दे दी है। परंपरागत पेशे से जुड़े लोगों को सस्ती दर पर दो लाख रुपए तक का कर्ज मिलेगा। इस योजना से परंपरागत पेशे से जुड़े 30 लाख परिवारों को लाभ होगा।

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मंत्री के मुताबिक, छोटे-छोटे कस्बों में अनेक वर्ग ऐसे हैं जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल से जुड़े कार्यों में लगे हैं। इनमें लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूल का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार आदि शामिल हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इन वर्गों का महत्वपूर्ण स्थान है और इन्हें नया आयाम देते हुए मंत्रिमंडल ने ‘विश्वकर्मा योजना’ को मंजूरी दी है।

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि विश्वकर्मा योजना में इस बात पर ध्यान दिया जाएगा कि इन वर्गों का किस तरह से अधिक कौशल विकास हो। साथ ही नए प्रकार के उपकरणों और डिजाइन की जानकारी मिले। योजना के तहत उपकरणों की खरीद में भी मदद की जाएगी। दो प्रकार का कौशल विकास कार्यक्रम होगा, जिसमें पहला 'बेसिक' और दूसरा 'एडवांस' होगा। इस कोर्स को करने वालों को मानदेय (स्टाइपंड) भी मिलेगा।

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रोचक बात है कि पीएम मोदी ने एक रोज पहले 15 अगस्त को विश्वकर्मा योजना का ऐलान किया था, जिसके जरिए गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल कार्यों को बढ़ाने वाले कामगारों का कौशल विकास किया जायेगा और उन्हें ऋृण सुविधा के साथ बाजार पहुंच प्रदान करने में मदद की जाएगी। यह योजना 13 हजार करोड़ रूपये की है और इससे 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को लाभ होगा। योजना के तहत प्रथम चरण में एक लाख रूपये का तक कर्ज दिया जायेगा जिस पर रियायती ब्याज (अधिकतम पांच प्रतिशत) देय होगा।

उन्होंने इसके अलावा बताया कि मंत्रिमंडल ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी दी। 14,903 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है, जबकि ठाकुर ने जानकारी दी कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नगरीय बस परिचालन को बढ़ाने के लिए ‘पीएम-ईबस सेवा’ को मंजूरी दी है।

यही नहीं, मंत्रिमंडल ने भारतीय रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को भी मंजूरी दी। इस पर करीब 32,500 करोड़ रूपये का खर्च आएगा और रेलवे के वर्तमान नेटवर्क में 2339 किलोमीटर जोड़ा जा सकेगा। रेल मंत्री ने बताया कि मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई ।

प्रस्तावित परियोजना से भारतीय रेलवे की वर्तमान रेल लाइन क्षमता को बढ़ाने, ट्रेन परिचालन को सुगम बनाने, भीड़भाड़ को कम करने और यात्रा को आसान बनाने में मदद मिलेगी। देश के नौ राज्यों के 35 शहरों से जुड़ी इस परियोजना से रेलवे के वर्तमान नेटवर्क में 2339 किमी जोड़ा जा सकेगा। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। (पीटीआई-भाषा और एएनआई इनपुट्स के साथ)

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अभिषेक गुप्ता author

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