देश से 2025 तक खत्म हो जाएगी टीबी की समस्या- बोले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया
स्टॉप टीबी पार्टनरशिप की मेजबानी यूएनओपीएस के द्वारा की जाती है, जो टीबी के खिलाफ लड़ाई में बदलाव लाने वाली एक सामूहिक शक्ति के रूप मे काम करती है। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत मे टीबी दशकों से एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या रही है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने स्टॉप टीबी पार्टनरशिप की 37वीं बोर्ड बैठक को वर्चुअली संबोधित किया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने स्टॉप टीबी पार्टनरशिप की 37वीं बोर्ड बैठक को वर्चुअली संबोधित किया। इस दौरान मंडाविया ने कहा टीबी दशकों से एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या रही है, लेकिन भारत में 2025 तक टीबी को खत्म का लक्ष्य रखा गया है।
टीबी के मामलों में 8.7% की कमी आई: मंडाविया
स्टॉप टीबी पार्टनरशिप की मेजबानी यूएनओपीएस के द्वारा की जाती है, जो टीबी के खिलाफ लड़ाई में बदलाव लाने वाली एक सामूहिक शक्ति के रूप मे काम करती है। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत मे टीबी दशकों से एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या रही है। कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न व्यवधानों से प्रभावित दो चुनौतीपूर्ण वर्षों के बाद वैश्विक स्तर पर हमने टीबी के मामलों में 8.7% की कमी देखी, जबकि भारत में हम 16% की कमी आई है, जो लगभग दोगुनी गति है।
भारत में टीबी के मामले
मांडविया ने कहा कि भारत में 2025 तक टीबी को खत्म का लक्ष्य रखा गया है। जी20 प्रेसीडेंसी के तहत भारत ने वैश्विक महत्व की भी बात रखी, जिसमें डिजिटल समाधानों का उपयोग करके स्वास्थ्य सेवाओं की प्रभावशीलता और पहुंच में सुधार करना शामिल था। फार्मास्युटिकल विकास और विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सहयोग को मजबूत करना और "एक स्वास्थ्य" और एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध पर ध्यान केंद्रित करना - इन सभी का टीबी के खिलाफ भारत और दुनिया की लड़ाई के साथ गहरा संबंध है। उन्होंने कहा कि भारत के 2025 के लक्ष्य के लिए 2 साल से भी कम समय बचा है, हमारा दृष्टिकोण आगे बढ़ते हुए रोकथाम पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम टीबी का पता लगाने और उपचार में सेवाओं की कवरेज पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इन्हीं सब प्रयासों का असर है कि भारत में टीबी मामलों की संख्या 2015 में 1 मिलियन से घटकर 2023 में 0.26 मिलियन हो गई है।
निजी क्षेत्र का भी सहयोग
डॉ.मंडाविया ने कहा कि टीबी को खत्म करने के लक्ष्य में निजी क्षेत्र का सहयोग भी लिया जा रहा है। पिछले 9 सालों में निजी क्षेत्र की अधिसूचना में 8 गुना से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। 2023 में निजी क्षेत्र से 0.84 मिलियन रोगियों को अधिसूचित किया गया था, जिसका योगदान कुल अधिसूचनाओं में से 33% था, जो अब तक का सबसे अधिक है।
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान, दुनिया की सबसे बड़ी क्राउड-सोर्सिंग पहल, एक बड़ी सफलता रही है। जिसमें 1,50,000 से अधिक नि-क्षय मित्र 1 मिलियन से अधिक टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें पोषण प्रदान करने के लिए 'संपूर्ण समाज के दृष्टिकोण' के साथ आगे आए हैं।
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उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मूल की भावना ने देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIMC से 2014 में पत्रकारिता की पढ़ाई की. 10 सालों से मीडिया में काम कर रही हैं. न्यू...और देखें
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