Phulpur: फूलपुर से नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने की क्यों हो रही चर्चा? ऐसे समझें गणित
Nitish Kumar News : नीतीश के फूलपुर से चुनाव लड़ने की अभी कोई आधिकारिक एवं औपचारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन अटकलों का बाजार गर्म है। इन अटकलों को जद-यू की तरफ से भी नहीं खारिज किया गया है। रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि नीतीश कुमार के फूलपुर से चुनाव लड़ने की संभावनाएं टटोलने के लिए जद-यू की तरफ से एक सर्वे भी कराया गया है।
फूलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं नीतीश कुमार।
Nitish Kumar News : लोकसभा चुनाव 2024 के महासमर की तैयारी में सभी दल जुट गए हैं। संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ जनता तक अपनी पहुंच एवं पकड़ बनाने के लिए कवायद एवं कड़ियों को दुरुस्त किया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन को इस बार सत्ता से दूर करने के लिए विपक्षी पार्टियों का गठबंधन 'INDIA'अपने मोहरे बिछा रहा है। इसी क्रम में चर्चा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बार बिहार से नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है। रिपोर्टों में कहा गया है कि नीतीश इलाहाबाद के समीप फूलपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
फूलपुर सीट पर जद-यू ने कराया सर्वे!
नीतीश के फूलपुर से चुनाव लड़ने की अभी कोई आधिकारिक एवं औपचारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन अटकलों का बाजार गर्म है। इन अटकलों को जद-यू की तरफ से भी नहीं खारिज किया गया है। रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि नीतीश कुमार के फूलपुर से चुनाव लड़ने की संभावनाएं टटोलने के लिए जद-यू की तरफ से एक सर्वे भी कराया गया है। मतलब साफ है कि जद-यू के भीतर भी इस सीट के विकल्प पर विचार किया जा रहा है। रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि नीतीश के चुनाव लड़ने के बारे में अंतिम फैसला समाजवादी पार्टी (सपा) के रुख पर निर्भर करेगा।
'INDIA' देना चाहता है सियासी संदेश
चुनावी रणनीतिकारों का मानना है कि फूलपुर से नीतीश कुमार को चुनावी अखाड़े में उतारकर 'INDIA' एक सियासी संदेश देना चाहेगा। जद-यू चाहेगा कि भाजपा को उसके गढ़ में चुनौती दिया जाए। फूलपुर सीट पर समाजवादी पार्टी का समर्थन यदि जद-यू को मिल जाता है तो इस सीट पर लड़ाई बड़ी हो सकती है। जद-यू को लगता है कि पटेल, कुर्मी के साथ-साथ यादव एवं मुसलमानों का समर्थन मिलने पर नीतीश की जीत की संभावनाएं प्रबल हो जाएंगी। फिलहाल फूलपुर चर्चा में जरूर आ गया है।
फूलपुर का सियासी समीकरण
फूलपुर सीट समाजवादियों का गढ़ रहा है। इस सीट से राम मनोहर लोहिया, जनेश्वर मिश्र एवं वीपी सिंह जैसे समाजवादी एवं दिग्गज नेता चुनाव लड़ चुके हैं। फूलपुर सीट पर अब तक 20 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा 7 बार और पांच बार सपा विजयी हुई है। यानी फूलपुर सीट पर दोनों पार्टियों का एक बड़ा जनाधार रहा है। साल 2014 में भाजपा पहली बार इस सीट पर विजयी हुए। हालांकि, तीन साल बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में सपा जीती। फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा यहां से विजयी हुई। फूलपुर सीट पर सबसे ज्यादा पटेल, यादव और मुसलमान वोटर हैं। जद-यू को लगता है कि इन तीनों बिरादरियों के एक साथ आने पर 'INDIA' उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित हो सकती है।
नीतीश पर सुशील मोदी ने कसा तंज
नीतीश के फूलपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों पर भाजपा ने तंज कसा है। भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी का कहना है कि नीतीश चाहें नालंदा से चुनाव लड़ें या फूलपुर से वह जीत नहीं पाएंगे। उनकी जमानत जब्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में जद-यू ने बिहार में केवल दो सीटें जीतीं। इनमें से एक नालंदा थी जहां से नीतीश विजयी हुए। भाजपा सांसद ने कहा कि इस सीट पर नीतीश महज आठ हजार वोटों से जीते। उनका जनाधार खत्म हो गया है। लोग अब उन पर भरोसा नहीं करते। अब उनके लिए सुरक्षित सीट ढूंढी जा रही है।
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