यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हुआ शांतिनिकेतन, PM मोदी-CM ममता ने कहा-यह गर्व का क्षण
Santiniketan : शांतिनिकेतन को विश्व धरोहर की सूची में शामिल किए जाने पर सीएम ममता बनर्जी ने अपनी प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने एक्स पर कहा, 'यह जानकर खुशी मिल रही है और गर्व हो रहा है कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की पहचान शांतिनिकेतन यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में अंतत: शामिल हो गया।'
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में है शांतिनिकेतन विवि।
Santiniketan : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले स्थित शांति निकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने पर विश्वविद्यालय में खुशी एवं जश्न का माहौल है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस उपलब्धि पर खुशी का इजहार किया है। बता दें कि रवींद्रनाथ टैगोर के जीवन का एक बड़ा हिस्सा इस विवि में गुजरा था। इस खास मौके पर विश्वविद्यालय की इमारत एवं परिसर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया। इस मौके पर विवि का स्टॉफ एवं छात्र में पारंपरिक वेशभूषा में नजर आया। परिसर में रवींद्र संगीत का धुन बजता रहा।
सीएम ममता ने बताया गर्व का क्षण
शांतिनिकेतन को विश्व धरोहर की सूची में शामिल किए जाने पर सीएम ममता बनर्जी ने अपनी प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने एक्स पर कहा, 'यह जानकर खुशी मिल रही है और गर्व हो रहा है कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की पहचान शांतिनिकेतन यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में अंतत: शामिल हो गया। उनके 12 वर्षों के शासन काल में विवि के विकास में काफी काम हुआ है। दुनिया अब इस धरोहर स्थल की महिमा को पहचानती है। उन सभी को बधाई जो बंगाल, टैगोर और उनके भाईचारे के संदेशों से प्यार करते हैं। जय बांग्ला, गुरुदेव को प्रणाम।’शांतिनिकेतन में ही कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने एक सदी पहले विश्वभारती की स्थापना की थी।'
भारतीयों के लिए गर्व का क्षण-पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह मान्यता ‘सभी भारतीयों के लिए गर्व का क्षण’है। उन्होंने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘खुशी है कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के दृष्टिकोण और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का क्षण है।’ विश्वभारती पश्चिम बंगाल का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय है और इसके कुलाधिपति प्रधानमंत्री हैं।
भारत का 41वां विश्व धरोहर स्थल
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन को आधिकारिक तौर पर यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है, जो भारत का 41वां विश्व धरोहर स्थल बन गया है। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।’
टैगोर के पिता द्वारा बनाया गया आश्रम था
यूनेस्को विश्व धरोहर केंद्र की आधिकारिक वेबसाइट पर दर्ज विवरण के मुताबिक, कोलकाता से 160 किमी दूर शांतिनिकेतन मूल रूप से रवींद्रनाथ टैगोर के पिता देबेंद्रनाथ टैगोर द्वारा बनाया गया एक आश्रम था, जहां जाति और पंथ से परे कोई भी, आ सकता था और शिक्षा ग्रहण कर सकता था। इसमें कहा गया है कि महर्षि के नाम से प्रसिद्ध देबेंद्रनाथ टैगोर भारतीय पुनर्जागरण के अग्रणी व्यक्ति थे। महर्षि द्वारा निर्मित संरचनाओं में शांतिनिकेतन गृह और एक मंदिर था।
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