PoK में बड़ा बवाल, सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, बिजली बिल न देने की खाई 'कसम'

पीओके के प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों और पर्याप्त बिजली उत्पादन के बावजूद, यहां के लोगों को अपनी बुनियादी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए पाकिस्तानी सरकार पर निर्भर हैं।

pok protest

पीओके में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध

पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर यानि कि पीओके (PoK) में बड़ा बवाल चल रहा है। लोग पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे हुए हैं। पहले से ही महंगाई से त्रस्त जनता, अब बिजली बिल में बेतहाशा वृद्धि को लेकर सड़कों पर उतर आई है। लोग सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे हैं। बिजली न देने की कसम खा रहे हैं। बिल को नदी में फेंक दे रहे हैं।

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सरकार के खिलाफ जनता

अत्यधिक बिजली बिलों के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को हिलाकर रख दिया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगें तुरंत पूरी नहीं की गईं तो वे पूरे क्षेत्र को ठप कर देंगे। ANI के अनुसार एक प्रदर्शनकारी को यह कहते हुए सुना जा सकता है- "जैसा कि आप सभी जानते हैं, कल रात से प्रशासन द्वारा कुछ इलाकों और शहर में कर्फ्यू जैसी स्थिति पैदा कर दी गई है। आज 30 सितंबर है और स्थानीय नेताओं की गिरफ्तारी से लोग गुस्से में हैं। राजनीतिक हस्तियों सहित सभी ने प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया है।"

हो रहा शोषण

बता दें कि पीओके के प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों और पर्याप्त बिजली उत्पादन के बावजूद, यहां के लोगों को अपनी बुनियादी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए पाकिस्तानी सरकार पर निर्भर हैं। सात दशकों से अधिक समय से, पाकिस्तान ने पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान की संपत्ति का अंधाधुंध दोहन किया है, जबकि कब्जे वाले क्षेत्रों को बदले में कोई इनाम नहीं मिला है। विकास नहीं हुआ है।

सरकार के खिलाफ असंतोष

प्रशासन ने स्थानीय लोगों की अपीलों और अनुरोधों को लगातार अनसुना किया है, जिससे असंतोष बढ़ रहा है। दमनकारी बिलिंग प्रणाली के खिलाफ रैली करते हुए लंबे समय से पीड़ित आबादी अब उग्र होने के कगार पर पहुंच गई है। इस मामले को लेकर पीओके कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने कहा- "बिजली बिलों पर करों, सब्सिडी में कटौती, गेहूं की कमी और लंबे समय तक लोड शेडिंग के खिलाफ आंदोलन अब सविनय अवज्ञा का एक पूर्ण विकसित आंदोलन बन गया है।"

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