पीएम मोदी के मंत्री नितिन गडकरी ने मंच से ही पब्लिक से मांगी माफी, बहुत कम में होती है ऐसी हिम्मत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) मध्यप्रदेश में सड़क परियोजना का शिलान्यास और लोकार्पण करने गये थे लेकिन अच्चा काम नहीं होने की वजह से पब्लिक के बीच आकर सॉरी बोल दिए। आमतौर पर हमारे देश में मंत्री और अधिकारी जनता से माफी नहीं मागते हैं।

हमारे देश में ऐसा बहुत कम होता है जब कोई मंत्री या अधिकारी पब्लिक के सामने आए और ये कहे कि जो सड़क बनाई है या जो पुल बनाया है या स्कूल बनाया है, वो अच्छा नहीं बना है, इसके लिए हम आपसे माफी मांगते हैं और इसे और अच्छा बनाने की कोशिश करते हैं। ये जिम्मेदारी और जवाबदेही बहुत कम दिखती है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के एक मंत्री ने ऐसा किया है और सार्वजनिक मंच से किया है। इन मंत्री का नाम है नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) जो केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री है।

नितिन गडकरी दो दिन पहले सोमवार को मध्यप्रदेश में थे। वहां जबलपुर और मंडला के बीच बन रही 543 किलोमीमीटर लंबी सड़क परियोजना का शिलान्यास और लोकार्पण करने गये थे। नितिन गडकरी की एक आदत है कि वो किसी भी प्रोजेक्ट का उद्घाटन करने से पहले उसे चैक करने जाते हैं। कितना काम हुआ, कैसा काम हुआ। एक-एक चीज की जानकारी लेते । यहां भी ऐसा हुआ इस सड़क के उदघाटन से पहले नितिन गडकरी ने इस सड़क को भी चैक किया जिसमें सड़क के एक हिस्से को देखकर वो थोड़े नाराज हो गए क्योंकि इस हिस्से पर अच्छा काम नहीं हुआ था इसके बाद नितिन गडकरी पब्लिक के बीच आकर क्या बोले...पहले वो सुन लेते हैं।

आमतौर पर हमारे देश में मंत्री और अधिकारी जनता से माफी नहीं मागते हैं। उन्हें लगता है कि वो बहुत ऊंचे पद पर बैठे लोग हैं इसलिए जनता से कैसे माफ़ी मांग सकते हैं। ये कोई जापान थोड़ी है कि जहां ट्रेन 36 सेकेंड लेट हो जाए तो रेलवे के अधिकारी, पब्लिक से माफी मांग लेते हैं। कुछ साल पहले टोक्यो में रेलवे की गलती से एक बुलेट ट्रेन 20 सेकेंड पहले रवाना कर दी गई। बहुत से लोगों की ट्रेन छूट गई। वहां के रेलवे ने प्रेस कॉन्फ्रेस बुलाकर मांफी मांगी और हमारे यहां माफी तो छोड़िये पूरा का पूरा सिस्टम लीपापोती में लग जाता है। आपने कभी BMC के मेयर या अधिकारियों को मुंबई की जनता से माफी मांगते देखा है।

मुंबई हर साल पानी में डूबती है। सड़कों पर ये बड़े-बड़े गड्ढें हो जाते हैं। एक्सिडेंट होते हैं। कई लोगों की मौत भी हो जाती है। मुंबई के नाले साल भर साफ नहीं होते और ये हाल तब है जब मुंबई की नगरपालिका देश की सबसे अमीर नगरपालिका है।

BMC ने साल 2022-23 के लिए 45 हजार 949 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। लेकिन मुंबई की हालत को देखकर ये बजट कहां खर्च हो रहा है , ये सबसे बड़ा सवाल है। मुंबई के गड्ढों की बात करूं तो साल 2013 से 2019 के बीच BMC ने मुंबई की सड़कों के 24 हजार गड्ढे ठीक करने के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। लेकिन इसके बाद भी गड्ढे अभी तक ठीक नहीं हो पाए हैं। मुंबई में 500 से ज़्यादा एक्सीडेंट सिर्फ गड्ढों की वजह से होते हैं जिसमें 150 लोग मारे जाते हैं लेकिन अब तक किसी भी BMC के मेयर ने कमिश्नर ने या किसी अधिकारी ने मुंबई की जनता के सामने आकर माफी नहीं मांगी। किसी ने नहीं भी हर साल होने वाली 150 लोगों की मौत की ज़िम्मेदारी नहीं ली।

नितिन गडकरी ने इस परंपरा को तोड़ने के काम किया है और देश की सरकारों और सिस्टम को ये मैसेज दिया है कि अगर आपकी गलती है तो जनता से माफी मांगनी चाहिए। नितिन गडकरी के मांफी मांगने के पीछे छिपी उनकी हिम्मत की भी बात करना जरूरी है। नितिन गडकरी को देश में सड़कों का कायाकल्प करने की जाना जाता है।

2014 में सड़क परिवहन मंत्रालय को संभालने के बाद देश में रोज़ाना लगभग 36 किलोमीटर हाईवे का निर्माण हो रहा है। 2014 से पहले रोजाना लगभग 15 किलोमीटर हाईवे बनाया जा रहा था, यानी अब हाईवे के बनने की स्पीड दोगुनी हो चुकी है। और सुनिये 2013-14 में देश में 4 हजार 260 किलोमीटर हाईवे का निर्माण हुआ था जो अब बढ़कर 13 हजार 327 किलोमीटर हो चुका है। जब आप काम करते हैं जो गलती की गुंजाइश भी रहती है लेकिन गलती का दूसरा पहलू ये भी है कि जब गलती को मान लिया जाता है तो इस दूर करने के रास्ते खुल जाते हैं।

कुछ साल पहले नितिन गडकरी ने ये माना था कि देशभर के हाईवेज पर करीब 800 एक्सीडेंट प्वाइंट्स है जहां हर साल 5 लाख से ज़्यादा सड़क दुर्घटना होती हैं इसके बाद उन्होंने ये वादा किया किया कि 2025 के अंत इनमें से ज़्यादातर एक्सीडेंट प्वाइंट्स को ठीक किया जाएगा जिससे सड़क दुर्घटनाओं को 50% तक कम किया जा सकता है । 2020 में सड़क मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें ये माना कि देश के सड़कों पर ट्रक ड्राइवर सालाना 48 हजार करोड़ रुपये की रिश्वत देते हैं।

अब बीमारी पकड़ में आ रही है तो इलाज भी ढूंढा जा रहा है। इन मामलों को कम करने लिए देशभर में नियम तोड़ने वालो के खिलाफ ऑनलाइन चालान की व्यवस्था बढ़ाई जा रही है ताकि नियम तोड़ने वालों को सड़क पर रिश्वत देनी ना पड़े।

एक तरफ जवाबदेही तय हो रही है तो दूसरी तरफ इंफ्रास्ट्रक्चर के बड़े बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। पाठशाला में अब मैं आपको बेंगलुरू एयरपोर्ट के नये टर्मिनल की तस्वीरे दिखाउंगा जिन्हें देखकर आप हैरान और खुश हो जायेंगे। हैरान इसलिए क्योंकि इसे देखकर आपको लगेगा की आपकी किसी एयरपोर्ट पर नहीं बल्कि हरे-भरे गार्डन में घूम रहे हैं और खुशी इस बात की क्योंकि ये एयरपोर्ट दुनिया के का सबसे शानदार और भव्य एयरपोर्ट की श्रेणी में आने वाला है

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