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'पाकिस्तानी अधिकारियों ने हमसे कहा- तुम हिंदू हो, सिख जत्थे के साथ नहीं जा सकते' पाक की नापाक चाल आई सामने

लगभग 1,900 सिख तीर्थयात्रियों का एक जत्था मंगलवार को गुरु नानक देव के 'प्रकाश पर्व' के उपलक्ष्य में अटारी-वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तान पहुंचा। अमर चंद भी उस जत्थे का हिस्सा थे।

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सिख जत्था (File photo: PTI)

Hindu pilgrim Returned By Pakistan Officials: हिंदू-सिखों में दरार पैदा करने की पाकिस्तान की एक और नापाक चाल सामने आई है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने एक हिंदू परिवार के छह सदस्यों को गुरु नानक देव जयंती समारोह में भाग लेने के लिए पाकिस्तान जाने के बाद वापस भेज दिया। हिंदू तीर्थयात्री अमर चंद ने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने हमें बताया कि आप हिंदू हैं, इसलिए आप सिख जत्थे के साथ नहीं जा सकते। अमर चंद को उनके परिवार के छह सदस्यों के साथ गुरु नानक देव जयंती समारोह में भाग लेने के लिए पड़ोसी देश जाने के बाद वापस भेज दिया गया था।

1900 सिख तीर्थयात्रियों का एक जत्था पाकिस्तान पहुंचा

लगभग 1,900 सिख तीर्थयात्रियों का एक जत्था मंगलवार को गुरु नानक देव के 'प्रकाश पर्व' के उपलक्ष्य में अटारी-वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तान पहुंचा। अमर चंद भी उस जत्थे का हिस्सा थे। उन्होंने दावा किया कि वे सिख धर्म के संस्थापक के प्रकाश पर्व के अवसर पर पाकिस्तान के गुरुद्वारों में प्रार्थना करना चाहते थे। अमर चंद ने कहा कि उन्हें और उनके परिवार के छह सदस्यों को हिंदू होने के कारण वापस भेज दिया गया। उन्होंने दावा किया कि वे अटारी-वाघा सड़क मार्ग से पाकिस्तान पहुंचे थे और वहां सभी औपचारिकताएं पूरी कीं।

अमर चंद ने कहा, हमें बस से उतार दिया गया

अमर चंद ने कहा कि उन्हें तीर्थयात्रियों के लिए एक विशेष बस में चढ़ने के लिए कहा गया था। उन्होंने पीटीआई को बताया, हमने सभी सात सदस्यों के लिए बस टिकट पर 95,000 रुपये (पाकिस्तानी मुद्रा में) खर्च किए। उन्होंने बताया कि फिर पांच पाकिस्तानी अधिकारी आए और हमें बस से उतरने को कहा। अमर चंद ने कहा, पाकिस्तानी अधिकारियों ने हमें बताया कि आप हिंदू हैं, इसलिए आप सिख जत्थे के साथ नहीं जा सकते।

पहले अमर चंद पाकिस्तानी नागरिक थे

उन्होंने आगे कहा, फिर उन्होंने हमें वापस भेज दिया। तब भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तानी अधिकारियों से पूछा कि उन्हें वापस क्यों भेजा गया। अमर चंद पहले पाकिस्तानी नागरिक थे, 1999 में भारत आए और 2010 में भारतीय नागरिकता प्राप्त की थी। उन्होंने कहा कि बस टिकट पर खर्च किए गए पैसे भी वापस नहीं किए गए। दिल्ली निवासी चंद ने दावा किया कि लखनऊ के सात और भारतीयों को वापस भेज दिया गया।

इस बीच, 4 नवंबर से 13 नवंबर तक पाकिस्तान की यात्रा पर जा रहा यह 'जत्था' गुरुद्वारा ननकाना साहिब, गुरुद्वारा पंजा साहिब, गुरुद्वारा सच्चा सौदा और गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जाएगा। इससे पहले, केंद्र सरकार ने पड़ोसी देश के साथ सुरक्षा स्थिति का हवाला देते हुए गुरु नानक देव के 'प्रकाश पर्व' के अवसर पर सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया था। बाद में केंद्र सरकार ने एक सिख जत्थे को पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारों में जाने की अनुमति दे दी।

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अमित कुमार मंडल
अमित कुमार मंडल Author

पत्रकारिता के सफर की शुरुआत 2005 में नोएडा स्थित अमर उजाला अखबार से हुई जहां मैं खबरों की दुनिया से रूबरू हुआ। यहां मिले अनुभव और जानकारियों ने खबरों ... और देखें

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