घर-गाड़ी में फहराना चाहते हैं तिरंगा तो जान लें भारतीय ध्वज संहिता के ये नियम, कहीं ऐसा न हो कि पहुंच जाएं जेल
National flag code of India 2022: इस राष्ट्रीय दिवस को मनाने से पहले हमें 'भारतीय ध्वज संहिता 2022' के नियमों को जानना अतिआवश्यक है। आइए जानते हैं तिरंगे को लेकर क्या हैं निमय और हमें किन-किन बातों को रखना चाहिए ध्यान...
भारतीय ध्वज संहिता
National flag code of India 2022: 15 अगस्त 2023 को देश अपनी जश्न-ए-आजादी की वर्षगांठ मनाने जा रहा है। लाल किले पर भव्य आयोजन की तैयारी अपने अंतिम चरण में है। वहीं देशवासी भी इस खास दिन को मनाने के लिए अपने-अपने स्तर पर जुटे हुए हैं। दुकानों-मॉलों, बाजार से लेकर सरकारी कार्यालयों तक को आजादी के रंग में सजाया गया है। देश के नागरिक अपने-अपने घर पर भी आजादी के उत्सव को मनाने का इंतजार कर रहे हैं।
हालांकि, घर हो या कार्यालय...स्वतंत्रता दिवस मनाने से लेकर तिरंगा फहराने तक के लिए कुछ खास नियम निर्धारित किए हैं। तिरंगे से जुड़ी एक भी भूल आपको मुसीबत में भी डाल सकती है। इसलिए, इस राष्ट्रीय दिवस को मनाने से पहले हमें 'भारतीय ध्वज संहिता 2022' के नियमों को जानना अतिआवश्यक है। आइए जानते हैं तिरंगे को लेकर क्या हैं निमय और हमें किन-किन बातों को रखना चाहिए ध्यान...
- भारतीय ध्वज सहिंता, 2002 में संशोधन किया गया है। पॉलिएस्टर या मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज की अनुमति दी गई है। हाथ से बुने हुए, काते हुए या मशीन से बने कपास, पॉलिएस्टर, ऊनी, रेशमी व खादी के तिरंगे बने होंगे।
- भारतीय ध्वज संहिता में किए गए एक और संशोधन के अनुसार तिरंगे को खुले में प्रदर्शित किया जा सकता है। इसे दिन-रात फहराया जा सकता है।
- राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा व सम्मान के अनुरूप सार्वजनिक, निजी संगठन और शैक्षणिक संस्थान का कोई भी सदस्य सभी दिनों व अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज को फहरा सकता है।
- राष्ट्रीय ध्वज को जब भी फहराया जाए तो उसे सम्मानजनक स्थान दिया जाना चाहिए और उसे स्पष्ट रूप से रखा जाना चाहिए।
- राष्ट्रीय ध्वज आयतकार होगा और इसका आकार कितना भी हो सकता है। हालांकि, इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होगा।
- क्षतिग्रस्त या अस्त-व्यस्त झंडे का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
- भारतीय ध्वज संहिता के भाग 3 के अनुसार गणमान्य व्यक्तियों जैसे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व राज्यपाल को छोड़कर किसी भी वाहन में तिरंगा नहीं फहराया जाना चाहिए।
- तिरंगे को अन्य झंडों के साथ नहीं फहराया जाना चाहिए और न ही इसे अन्य झंडों के साथ रखा जाना चाहिए।
- राष्ट्रीय ध्वज पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए।
- ध्वज केवल और केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुका रह सकता है।
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मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें
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