केरलः बंदरगाह प्रोजेक्ट के विरोध को लेकर थाने पर हमला, 3000 के खिलाफ केस; जानें- क्या है पूरा विवाद?

विझिंजम पुलिस थाने के सूत्रों ने समाचार एजेंसी को बताया कि क्षेत्र में तनाव कम करने को लेकर पुजारियों और पुलिस अधिकारियों के बीच उच्च स्तरीय बैठक हुई। प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि बंदरगाह परियोजना को बंद कर दिया जाए, जबकि केरल हाईकोर्ट ने परियोजना पर काम फिर से शुरू करने का निर्देश दिया है।

केरलः बंदरगाह प्रोजेक्ट के विरोध को लेकर थाने पर हमला, 3000 के खिलाफ केस; जानें- क्या है पूरा विवाद?

केरल में पुलिस स्टेशन पर भारी भीड़ की ओर से किए गए हमले के बाद सोमवार (28 नवंबर, 2022) को पुलिस ने तीन हजार से अधिक केस दर्ज किए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। दरअसल, सूबे की राजधानी के विझिंजम इलाके में एक रोज पहले रविवार को तनाव तब और बढ़ गया था, जब विझिंजम बंदरगाह प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के एक गुट ने पुलिस वाहन पलट दिया था। साथ ही पथराव करते हुए दो पुलिस वालों को जख्मी कर दिया था। पोर्ट के पास हालात काबू करने की कोशिश में पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ीं और आंसू गैस के गोले तक छोड़ने पड़े।

समाचार एजेंसी आईएएनएस को सूत्रों ने बताया कि इस दौरान कई घायल हुए। प्रदर्शनकारियों ने इससे पहले रविवार को विझिंजम पुलिस थाने का घेराव किया था और शनिवार को हुई झड़पों के बाद हिरासत में लिए गए पांच लोगों को रिहा करने की मांग की थी। इन प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व लैटिन कैथोलिकों के मछुआरे कर रहे हैं, जो विझिंजम के तटीय क्षेत्र में एक प्रमुख समुदाय है। कहा जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों को लैटिन कैथोलिक चर्च का समर्थन मिला हुआ है।

इस बीच, कुछ मीडिया वाले भी घायल हुए। वे जब प्रदर्शनों की कवरेज कर रहे थे, तब प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर उन पर हमला कर दिया था। पुलिस ने तिरुवनंतपुरम के लैटिन महाधर्मप्रांत के आर्चबिशप, थॉमस जे. नेट्टो के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें उन्हें पहले आरोपी के रूप में नामित किया गया है। नई प्राथमिकी में सहायक बिशप, क्रिस्टुदास और विकर जनरल, युजिन पेरिया सहित 50 पादरियों को भी आरोपी बनाया गया।

केरल उच्च न्यायालय से किए गए वादों का उल्लंघन करते हुए प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को निर्माण सामग्री ले जा रहे ट्रकों को यहां निर्माणाधीन विझिंजम बंदरगाह के सामने रोक दिया था। लैटिन कैथोलिक गिरजाघर की अगुवाई वाले प्रदर्शनकारियों ने 22 नवंबर को उच्च न्यायालय को आश्वासन दिया था कि वे विझिंजम बंदरगाह पर आने वाले किसी भी वाहन को नहीं रोकेंगे। उच्च न्यायालय ने 22 नवंबर को प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी थी कि अगर वे अवरोध हटाने में नाकाम रहे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निजी भागीदार, ‘अदानी विझिंजम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड’ ने पांच दिसंबर, 2015 को 7,525 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण शुरू किया था। (आईएएनएस और भाषा इनपुट्स के साथ)

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