Jharkhand: बिहार के बाद अब झारखंड में जाति आधारित गणना, कुर्सी संभालते ही चंपई सोरेन का बड़ा फैसला

Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अधिकारियों से जाति आधारित सर्वेक्षण का मसौदा तैयार करने और इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रखने को कहा है। मतलब अब बिहार के बाद पड़ोसी राज्य झारखंड में भी जातीय जनगणना होने जा रहा है। कुर्सी संभालते ही सीएम चंपई एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं।

Jharkhand Caste Based Survey

झारखंड में जातीय जनगणना।

Jharkhand Caste-Based Survey: बिहार के बाद अब झारखंड में भी जाति आधारित गणना होने जा रही है। सूबे के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बिहार की तर्ज पर जाति आधारित सर्वेक्षण को हरी झंडी दे दी है। इसकी जानकारी अधिकारी ने साझा करते हुए ये बताया कि सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो झारखंड जाति सर्वेक्षण लोकसभा चुनाव के बाद शुरू होगा। सीएम चंपई ने अधिकारियों से जाति आधारित सर्वेक्षण का मसौदा तैयार करने और इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रखने को कहा है।

झारखंड में जाति-आधारित सर्वेक्षण की स्वीकृति

अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कार्मिक विभाग को एक मसौदा (सर्वेक्षण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया) तैयार करने और इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रखने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो लोकसभा चुनाव के बाद कवायद शुरू हो जाएगी। सर्वेक्षण का संकेत देते हुए मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी। झारखंड तैयार है।'

बिहार की तर्ज पर किया जाएगा सर्वेक्षण

मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे ने बताया, 'झारखंड में (जाति-आधारित) सर्वेक्षण कराने के लिए कार्मिक विभाग मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करेगा। इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा।' उन्होंने कहा कि जाति-आधारित सर्वेक्षण पड़ोसी राज्य बिहार की तर्ज पर किया जाएगा, जहां पिछले साल सात जनवरी से दो अक्टूबर के बीच आंकड़ों का संग्रह किया गया था।

बिहार में पिछले वर्ष जारी हुए थे सर्वे के आंकड़े

बिहार सरकार की ओर से 2 अक्टूबर 2023 को बिहार जाति-आधारित सर्वेक्षण 2022 रिपोर्ट जारी की गई थी। इसके अनुसार, राज्य की 13.07 करोड़ आबादी में अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) की हिस्सेदारी 36.01 प्रतिशत है। ओबीसी, ईबीसी मिलकर बिहार की कुल आबादी का 63% हिस्सा हैं। सर्वेक्षण रिपोर्ट से यह भी पता चला कि बिहार में हिंदुओं की आबादी 81.9986% है जबकि मुस्लिमों की हिस्सेदारी 17.7088% है। लगभग 190 जातियां ऐसी हैं जिनकी जनसंख्या एक प्रतिशत से भी कम है।

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