कभी-कभी नॉर्मल सी वॉक भी बरसात में मेंटल हेल्थ को बना सकती है बेहतर, रिसर्च में भी पाया गया है कारगर

Mindfull Walking Benefits In Rainy Season: मानसून में नॉर्मल सी वॉक भी आपकी मेंटल हेल्थ सुधार सकती है। रिसर्च में पाया गया है कि माइंडफुल वॉकिंग मूड बेहतर बनाती है, स्ट्रेस घटाती है और दिमाग को सुकून देती है। इसके इतने फायदे हैं कि आप जानकर सोच में पड़ जाएंगे। यहां जानिए इसके आसान और असरदार फायदे।

Barish Mein Mindfull Walking Ke fayde

Barish Mein Mindfull Walking Ke fayde

Mindfull Walking Benefits In Rainy Season: बरसात का मौसम आते ही जैसे सबकुछ थम जाता है। काम की भागदौड़, गर्मी की बेचैनी और मन की हलचल लोगों के लिए परेशानी बन जाती है। क्या आपने कभी बारिश में बस यूं ही टहलने का मजा लिया है? अगर नहीं, तो इस बारिश में जरूर आज़माएं। रिसर्च भी कहती है कि मानसून के मौसम में की गई एक साधारण सी वॉक, जिसे माइंडफुल वॉकिंग कहा जाता है, हमारे मूड को बेहतर बना सकती है, स्ट्रेस कम कर सकती है और मानसिक शांति दे सकती है। आइए जानें कैसे।

बरसात में माइंडफुल वॉकिंग के फायदे - Barish Mein Mindfull Walking Ke fayde

मूड को पॉजिटिव बनाने में मददगार

जब हम बारिश में बिना किसी जल्दबाजी के टहलते हैं, तो दिमाग को एक तरह का सुकून महसूस होता है। हर चीज़ ठंडी, शांत और साफ लगती है। उस वक्त हमारी सोच भी हल्की हो जाती है। रिसर्च बताती है कि ऐसे समय में शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज़ होते हैं, जो मूड को नेगेटिव से पॉजिटिव में बदलने में मदद करते हैं।

प्रकृति से जुड़ने का मौका

बरसात में वॉक करना मतलब मिट्टी की खुशबू, भीगी हरियाली और ठंडी हवा को महसूस करना। ये सब चीजें हमें नेचर के करीब लाती हैं। जब हम माइंडफुल होकर यानि बिना फोन या डिस्ट्रैक्शन के वॉक करते हैं, तो हमारी बॉडी और माइंड, दोनों रिलैक्स हो जाते हैं। यही जुड़ाव हमें अंदर से शांत करता है।

स्ट्रेस कम करने का आसान तरीका

दिनभर की टेंशन और तनाव से निकलने के लिए अगर कोई आसान तरीका है, तो वो है बरसात में वॉक करना। धीरे-धीरे चलना, बारिश की आवाज़ सुनना और गहरी सांसें लेना - ये सब मिलकर दिमाग को शांत करते हैं और स्ट्रेस कम करने में मदद करते हैं।

सोचने की ताकत बढ़ती है

जब आप माइंडफुल वॉक करते हैं, तो आप अपनी सोच को साफ और पॉजिटिव बना पाते हैं। कई बार जब कोई बात समझ नहीं आती या दिमाग भरा हुआ लगता है, तो थोड़ी देर बारिश में वॉक करने से नए आइडिया आने लगते हैं। यह दिमाग को एक नई दिशा देता है।

मेंटल थैरेपी जैसा असर

बरसात में टहलना किसी थैरेपी से कम नहीं। यह ना तो खर्चीला है, ना ही कोई एक्स्ट्रा टाइम मांगता है। बस 10-15 मिनट खुद को वक्त दीजिए, और महसूस कीजिए कि कैसे आपकी सोच, मूड और मेंटल हेल्थ धीरे-धीरे बेहतर हो रही है। इसे अपनी डेली लाइफ का हिस्सा बनाइए।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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Vineet author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें

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