व्यक्ति को लगा दुनिया का पहला टाइटेनियम से बना आर्टिफिशियल दिल, ट्रांसप्लांट से पहले 8 दिनों तक बचाए रखी जान
Man Received World's First Artificial Heart: हार्ट ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में वैज्ञानिकों ने नई उपलब्धि प्राप्त की है। उन्होंने एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है, जो शरीर में हृदय की तरह का म करता है और व्यक्ति को जीवित रखता है। हार्ट फैलियर के एक मरीज को इस डिवाइस की मदद से 8 दिनों तक जीवित भी रखा गया।
Man Received World's First Artificial Heart
Man Received World's First Artificial Heart: फिल्में देखना तो हम सभी को बहुत पसंद है। मार्वल सुपर हीरो आयरन मैन हम सभी के पसंदीदा कैरेक्टर में से एक है। फिल्म में आप सब ने देखा होगा कि कैसे आयरन मैन एक आर्टिफिशियल दिल की मदद से खुद को जीवित रखते हैं। लेकिन यह तो फिल्म की बात है, लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सोचा होगा कि ऐसा असल जिंदगी में भी हो सकता है? तो आपको बता दें कि अब ऐसा होना मुमकिन हो सकता है। हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका में एक 58 वर्षीय व्यक्ति को टाइटेनियम से बना आर्टिफिशियल दिल लगाया गया और इसकी मदद से उसे कई दिनों तक जीवित भी रखा गया। यह सुनने में किसी सपने से कम नहीं है। लेकिन ऐसा वास्तव में हुआ है। यह क्रांतिकारी व्यक्ति आर्टिफिशियल हार्ट प्राप्त करने वाला दुनिया का पहला व्यक्ति बन गया है। इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
क्या है यह आर्टिफिशियल हार्ट
आपको बता दें कि इस आर्टिफिशियल हार्ट निर्माण चिकित्सा प्रौद्योगिकी कंपनी BiVACOR द्वारा किया गया है। यह उपकरण एक टाइटेनियम ब्लड-पम्पर है। इस ब्लड पंपर को किसी व्यक्ति में खराब हो रहे हृदय को बदलने के लिए डिजाइन किया गया है। BiVACOR टोटल आर्टिफिशियल हार्ट (TAH) पारंपरिक आर्टिफिशियल हृदय डिजाइन से एक महत्वपूर्ण प्रस्थान का प्रतिनिधित्व करता है।
कैसे काम करता है टोटल आर्टिफिशियल हार्ट
असल में यह आर्टिफिशियल हार्ट प्राकृतिक हृदय की धड़कन की नकल नहीं करता है। यह शरीर के सभी हिस्सों में रक्त पंप करने के लिए दोनों फेफड़ों और शरीर में रक्त पंप करने के लिए एकल, चुंबकीय उत्तोलन रोटर का उपयोग करता है। यह डिजाइन लचीले कक्षों या पंपिंग डायाफ्राम की आवश्यकता को खत्म कर देता है। यह यह खासियत इसे एक अधिक टिकाऊ और कॉम्पैक्ट डिवाइस बनाती है।
व्यक्ति को 8 दिनों तक रखा जीवित
58 वर्षीय व्यक्ति का हार्ट ट्रांसप्लांट टेक्सास हार्ट इंस्टीट्यूट के बायलर सेंट ल्यूक मेडिकल सेंटर में हुआ। आपको बता दें कि व्यक्ति हार्ट फेलियर के अंतिम चरण में था। उन्हें गंभीर नुकसान से बचाने के लिए बिना किसी जटिलता के यह उपकरण दिया गया।
लगभग 8 दिनों तक इस आर्टिफिशियल हृदय ने व्यक्ति के शरीर में सामान्य हृदय की तरह काम किया है। डोनर मिलने के बाद व्यक्ति का हार्ट ट्रांसप्लांट कर दिया गया। डोनर न मिलने तक आर्टिफिशियल हार्ट ने व्यक्ति को जीवित रखा।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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Vineet author
मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें
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