दुनिया में 34 महिलाएं राष्ट्राध्यक्ष लेकिन पुरुषों से बराबरी में लगेंगे अभी 130 साल
Women Reservation Bill : यूएन वूमन की जनवरी 2023 की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में 31 ऐसे देश हैं जहां 34 महिलाएं 'हेड्स ऑफ स्टेट्स' के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। रिपोर्ट का कहना है कि इस गति से पुरुषों की बराबरी करने में 130 साल लगेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 17 देश ऐसे हैं जहां महिलाएं 'हेड ऑफ स्टेट्स' हैं।
राजनीति में महिलाओं की नुमाइंदगी अभी कम है।
Women Reservation Bill : विधायिका यानी संसद एवं राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। संसद और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है। जाहिर तौर पर इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद सियासत में महिलाओं की नुमाइंदगी बढ़ जाएगी। राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की चर्चा बहुत पहले से हो रही थी लेकिन इस दिशा में ठोस प्रयास अब सामने आया है। महिलाओं को उनका हक देने में भारत पीछे रहा है। दुनिया की अगर बात करें तो कई ऐसे देश हैं जहां राजनीति में महिलाओं की नुमाइंदगी काफी ज्यादा है। कई देशों की राष्ट्राध्यक्ष महिलाएं और विधायिका में उनका बोलबाला है।
34 महिलाएं 'हेड्स ऑफ स्टेट्स'
यूएन वूमन की जनवरी 2023 की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में 31 ऐसे देश हैं जहां 34 महिलाएं 'हेड्स ऑफ स्टेट्स' के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। रिपोर्ट का कहना है कि इस गति से पुरुषों की बराबरी करने में 130 साल लगेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 17 देश ऐसे हैं जहां महिलाएं 'हेड ऑफ स्टेट्स' हैं। जबकि 19 देशो में महिलाएं 'हेड ऑफ गवर्न्मेंट' हैं।
सरकारों में 22.8 फीसदी महिलाएं हैं मंत्री
यही नहीं 1 जनवरी 2023 तक 22.8 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जो विभिन्न सरकारों में कैबिनेट मिनिस्टर हैं। 13 देश ऐसे भी हैं जहां की कैबिनेट में महिलाओं की नुमाइंदगी 50 प्रतिशत या उससे ज्यादा है और नीतियां बनाने में इनका योगदान होता है। इन महिला कैबिनेट मंत्रियों के पास ज्यादातर महिला एवं लैंगिक समानता, परिवार एवं बाल मामले, सामाजिक समावेशी एवं विकास, सामाजिक संरक्षण, सामाजिक सुरक्षा, स्वदेशी एवं अल्पसंख्यक विभागों की जिम्मेदारी है।
फिर लोकसभा में होंगी 181 महिला सांसद
भारत की मौजूदा संसद में कुट सीटों की संख्या 543 है। महिलाओं की भागीदारी एवं हिस्सेदारी की अगर बात करें तो अभी लोकसभा में महिलाओं की संख्या 82 और राज्यसभा में 31 है। राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 245 है। इस तरह से संसद में कुल महिला सदस्यों की भागीदारी क्रमश: 15 और 13 फीसदी है। मौजूदा विधेयक के कानून बन जाने और इसके लागू हो जाने के बाद लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या बढ़कर 181 हो जाएगी।
तीन दशक से लंबित है आरक्षण का प्रस्ताव
संसद में महिलाओं के आरक्षण का प्रस्ताव करीब 3 दशक से लंबित है। यह मुद्दा पहली बार 1974 में महिलाओं की स्थिति का आकलन करने वाली समिति ने उठाया था। 2010 में मनमोहन सरकार ने राज्यसभा में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण बिल को बहुमत से पारित करा लिया था।
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