IIT बॉम्बे के कैंपस में भेदभाव रोकने की पहल, अब JEE रैंक पूछने पर लगी रोक

आईआईटी-बॉम्बे ने छात्रों के बीच जाति के आधार पर भेदभाव को रोकने के लिए गाइडलाइंस जारी की है। आईआईटी बॉम्बे ने स्टूडेंट्स को आदेश दिया है कि वह आपस में एक-दूसरे से JEE रैंक न पूछें।

IIT Bombay

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IIT Bombay Anti Discrimination Guidelines 2023-24: आईआईटी-बॉम्बे ने छात्रों के बीच जाति के आधार पर भेदभाव को रोकने के लिए गाइडलाइंस जारी की है। आईआईटी बॉम्बे ने स्टूडेंट्स को आदेश दिया है कि वह आपस में एक-दूसरे से JEE रैंक न पूछें। संस्थान की ओर से जारी भेदभाव -विरोधी गाइडलाइंस में कहा गया है कि रैंक के बार में पूछना जाति निर्धारित करने का एक प्रयास हो सकता है। यह फैसला प्रथम वर्ष के छात्र दर्शन सोलंकी की कैंपस में आत्महत्या को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

न पूछेंJEE रैंक

संस्थान की ओर से जारी भेदभाव -विरोधी गाइडलाइंस के अनुसार, किसी साथी छात्र से उनकी जन्म/प्रवेश श्रेणी के बारे में पूछना अनुचित है क्योंकि इससे किसी के प्रति सही या बुरी सोच पैदा हो सकती है। यहां तक कि किसी के JEE रैंक और GATE के स्कोर को पूछने के लिए भी मना किया गया है। रैंक पूछना जाति पूछने जैसा हो सकता है। इस तरह के सवाल पूछने पर छात्र के अंदर जाति को लेकर भ्रांतियां बढ़ेंगी और इसक उलटा असर देखने को मिल सकता है।

संस्थान ने की अपील

संस्थान ने छात्रों से आगे आकर साथ चलने की अपील की है। जारी निर्देश में कहा गया है कि छात्र आपस में विभाग, खेल, संगीत, फिल्में, स्कूल, कॉलेज, गांव, शहर या शौक जैसी समानताओं को लेकर आपस में बातचीत करें। अथॉरिटी ने गालियां, जाति, लिंग, धर्म के आधार पर कट्टरता दिखाने वाले मैसेज या जोक्स को बैन कर दिया है। यह एक तरह से बुलिंग (परेशान करने वाला) हो सकती है।

IIT के छात्र ने की थी आत्महत्या

दरअसल, आईआईटी बॉम्बे के फर्स्ट ईयर के छात्र दर्शन सोलंकी ने बीते साल हॉस्टल की सातवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। सोलंकी के परिवार ने आरोप लगाया था कि एक साथी ने उसकी जेईई रैंक जानने के बाद उससे बात करना कम कर दिया था। हालांकि, आईआईटी बॉम्बे की अथॉरिटी ने कहा कि कैंपस में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता है।

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    TNN एजुकेशन डेस्क author

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