Hillary Clinton in Varanasi : हिलेरी क्लिंटन को भाया बनारसी दुपट्टा और लकड़ी के खिलौने भी

Hillary Clinton in Banaras: वाराणसी ऐसी जगह है, जो हर कोई को भा जाता है। यहां के स्थानीय उत्पाद देख लोगों के दिल खुश हो जाते हैं। अब अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन भी वाराणसी के उत्पादों की कायल हो गईं हैं। यहां से वह अपने साथ कुछ सामान खरीदकर ले गईं हैं। हिलेरी ने अपने परिवार के बच्चों के लिए वाराणसी के प्रसिद्ध खिलौने भी खरीदे।

Hillary Clinton in Varanasi

वाराणसी पहुंचीं हिलेरी क्लिंटन। फाइल फोटो

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • छावनी स्थित शोरूम से हिलेरी ने लिया दुपट्टा
  • सिल्क दुपट्टे की कारीगरी देख हो गईं खुश
  • तीन दिवसीय दौरे पर आईं थीं हिलेरी

Hillary Clinton took Banarasi scarf: अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन बनारसी हस्तशिल्प उत्पाद की मुरीद हो गईं हैं। तीन दिवसीय दौरे पर आईं हिलेरी ने अपने परिवार के बच्चों के लिए लकड़ी के खिलौने खरीदे। फिर छावनी स्थित एक शोरूम से बनारसी दुपट्टा खरीदा। यहां सिल्क दुपट्टे पर कारीगरी को देखकर वह बेहद खुश हो गईं। उसकी सराहनी भी की। दरअसल, हिलेरी 9 फरवरी को वाराणसी पहुंची थीं। यहां वह नदेसर स्थित होटल में ठहरी थीं।

वह सारनाथ भी जाने वाली थी, लेकिन अचानक प्रोग्राम रद्द कर दिया गया। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी के तीन बच्चे हैं। उन्होंने उन तीनों के लिए लकड़ी का झुनझुना एवं गुड़िया खरीदा है। अमेरिका पहुंचने पर यह खिलौने बच्चियों को देंगे। यह भी कहा कि मुझे लगता है इसे देखकर वह लोग खुश हो जाएंगे।

बनारसी उत्पादों की ली जानकारी

हथकरघे पर रेशम की बुनाई देखकर हिलेरी ने वहां फोटो खिंचवाई। फिर म्यूजियम निदेशक जयशंकर मेहता से बनारसी उत्पाद और उसके तैयार होने की बारीकियों को जाना। इसके बाद टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल मेहता ने हिलेरी को प्रदेश का पर्यटन कैलेंडर भेंट किया। शनिवार को हिलेरी ने नमो घाट पर गंगा विहार का आनंद उठाया। इसके बाद सारनाथ स्थित संग्रहालय को देखीं।

विदेशों में बनारसी साड़ी की है बहुत मांग

बनारसी साड़ी कई वर्षों से देश ही नहीं विदेशों में भी लोकप्रिय है। हर साल अलग-अलग देशों में बनारसी साड़ी की प्रदर्शनी भी लगाई जाती है। पिछले साल अगस्त में ही ऑस्ट्रेलिया में बनारसी साड़ी की प्रदर्शनी लगाई गई थी। लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर कार्गो टर्मिनल बन जाने के बाद बनारसी साड़ियों का विदेशों में निर्यात बढ़ गया है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 1960 टन कार्गो भेजा गया था। जबकि वित्तीय वर्ष 2018-19 में यह बढ़कर 3000 टन हो गया।

बनारसी साड़ी पर होता है जरी का काम

बनारसी साड़ी की अहम खासियत है कि इस पर जरी का काम होता है। पहले के समय में जरी वर्क सोने या चांदी के तारों से होता था। अमूमन बनारसी साड़ी के पल्लू या फिर साड़ी के बॉर्डर पर चांदी या सोने के तार से जरी वर्क मिलता था। वैसे, आधुनिकता, महंगाई और उपभोक्ता की मांग पर बनारसी सिल्क साड़ी पर जरी वर्क सोने या चांदी के तारों से नहीं, बल्कि आम मेटल के तार से होता है।

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