Faridabad News: पुरातत्व विभाग फरीदाबाद में तलाशेगा 3000 साल पुरानी सभ्यता, इस गांव में खुदाई शुरू

Faridabad News: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम अब फरीदाबाद में जमीन के नीचे दबे हजारों साल पुराने इतिहास की खोज शुरू की है। पुरातत्व विभाग का अनुमान है कि यहां के हथीन क्षेत्र में स्थित मानपुर गांव के पास मौजूद एक टीले के नीचे करीब तीन हजार साल से एक गांव दबा है। पुरातत्‍व विभाग ने बीते शनिवार से इस जगह की खुलाई शुरू कर दी है।

History of Faridabad

हजारों साल पुराना गांव और सभ्‍यता होने का अनुमान

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • टीले के आसपास कई बार मिल चुके बर्तन और सिक्‍के
  • 150 ईसा पूर्व शुंग राजवंश के प्रमाण पहले भी मिले
  • टीले के नीचे की परत करीब तीन हजार साल पुरानी

Faridabad News: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम अब फरीदाबाद में जमीन के नीचे दबे करीब तीन हजार साल पुराने संस्कृति और सभ्यता की खोज करने जा रही है। इसके लिए पुरातत्व विभाग ने मानपुर गांव के पास जंगली इलाके में मौजूद कसेरूआ खेड़ा नामक टीले को चुना है। पुरातत्‍व विभाग का मानना है कि, यह टीला अपने अंदर हजारों साल का इतिहास दबाए हुए है। इसकी खोदाई से न केवल पुरानी सभ्‍यता का पता चलेगा, बल्कि उस समय के लोगों के जीवन शैली और खान-पान के बारे में भी प्रमाणिक जानकारी मिल सकेगी। पुरातत्व विभाग इस जगह का पहले ही प्रारंभिक जांच कर चुका है, जिसमें यहां पर तीन हजार साल पहले बस्ती होने के कुछ प्रमाण मिले हैं।

पुरातत्व विभाग की टीम ने शनिवार से यहां पर हथीन के एसडीएम लक्ष्मी नारायण की मौजूदगी में टीले की खोदाई शुरू कर दी। पुरातत्‍व वैज्ञानिकों ने बताया कि, खोदाई के दौरान टीले से जो सामग्री व प्रमाण मिलेगा, इसकी कार्बन डेटिंग कराई जाएगी। जिससे पता चल सकेगा कि, वह वस्‍तु कितनी पुरानी और किस सभ्‍यता से जुड़ी हुई है। बता दें कि, यहां पर स्थानीय निवासियों को पहले भी कई बार तांबे के सिक्के और बर्तन मिल चुके हैं। जिसकी जानकारी जब पुरातत्‍व विभाग को मिला तो यहां पर जांच कराई गई। अनुमान लगाया गया है कि, करीब तीन हजार साल पहले यहां पर कोई विकसित गांव था, जो किसी आपदा में जमीन के नीचे दब गया। जो बच गए थे, वे यहां से चले गए।

हथीन का इतिहास हजारों साल पुरानाबता दें कि, फरीदाबाद का हथीन इलाके को ऐतिहासिक माना जाता है। यहां पर 150 ईसा पूर्व मौजूद शुंग राजवंश के प्रमाण पहले भी मिल चुके हैं। यहां पर हुई खुदाई में इस राजवंश के दौरान मौजूद हिंदू मंदिर के खंभे मिल चुके हैं, जिसे हरियाणा राज्य संग्रहालय में रखा गया है। इन खंभों पर यक्ष, पशु, हाथ में पकड़ा हुआ फूल और हिरण आदि के चित्र हैं। इसके अलावा इस पूरे इलाके का जिक्र महाभारत काल में भी है। ऐसे में पुरात्‍व विभाग को उम्‍मीद है कि यहां पर खुदाई में तीन हजार साल या उससे पुरानी सभ्‍यता के साक्ष्‍य मिल सकते हैं। एएसआई के संयुक्त महानिदेशक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि यहां की निचली परत कम से कम तीन हजार साल पुरानी है। जिसके आधार पर यहां हजारों साल पुरानी सभ्यता के प्रमाण होने का अनुमान है।

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