ईज ऑफ डूइंग का कमाल: बीमारू से बिजनेस के लिए नंबर 2 बना यूपी, 7 साल में ऐसे बदली तस्वीर

Ease Of Doing Business In Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश (यूपी) में इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने कई कानून में बदलाव या सुधार किए हैं, जिससे यहां बिजनेस करना आसान हो गया है।

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यूपी में बिजनेस करना हुआ आसान (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Ease Of Doing Business In Uttar Pradesh: अगर आप बिजनेस करना चाहते है तो सबसे पहले उन स्थानों की तलाश करते है जहां बिजनेस के लिए सामाजिक, राजनैतिक, सुरक्षा का बेहतर माहौल हो। आसानी से स्किल्ड मैनपावर मिल सके। साथ ही इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लायक नियम कानून हो। इसके लिए उत्तर प्रदेश सर्वोत्तम स्थान बन गया है क्योंकि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी सरकार ने बड़ा काम किया है। प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर की ठीक करने के साथ-साथ निवेश को बढ़ा देने के लिए कई कानूनों में बदलाव किए यानी बिजनेस करने के अनुकूल कई नियम बनाए। यूपी ने बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (BRAP) 19 के तहत केंद्र सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा सुझाए गए 187 सुधारों में से 186 को लागू किया है। इस वजह से इज ऑफ डूइंग बिजनेस (EoDB) रैंकिंग में उत्तर प्रदेश (यूपी) 2020 में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। यूपी ने EoDB वार्षिक रैंकिंग में गुजरात, तेलंगाना, राजस्थान, महाराष्ट्र आदि जैसे कई अग्रणी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। पहले नंबर पर आंध्र प्रदेश है। आइए जानते हैं योगी सरकार ने क्या किया, जिससे यूपी में बिजनेस करना आसान हो गया।

सिंगल विंडो सिस्टम:- इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए योगी सरकार ने निवेश मित्र (Nivesh Mitra) उन्नत वर्जन शुरू किया। इसके तहत ऑनलाइन सिंगल विंडो पोर्टल को डेलवप कर उन्नत वर्जन पेश किया गया।

लेबर रिफॉर्म:- योगी सरकार ने 60 से अधिक श्रम संबंधी सुधारों को आसान बनाया। फैक्ट्री लाइसेंस की वैलिडिटी 10 साल तक बढ़ा दी गई है। 14 से अधिक लाइसेंसों के लिए ऑन स्पॉट ऑटोमेटेड अप्रूवल दिए गए। दुकान और प्रतिष्ठानों के लिए नवीनीकरण की जरुरत को समाप्त कर दिया गया और अगर कर्मचारी नहीं है तो रजिस्ट्रेशन की जरुरत नहीं होगी।

निरीक्षण:- श्रम या कानूनी मेट्रोलॉजी और पीसीबी के लिए केंद्रीय निरीक्षण सिस्टम कार्यान्वित किए गए। इंस्पेक्टर्स का रैंडम आवंटन किया गया। जोखिम आधारित निरीक्षण शुरू किया गया। थर्ड पार्टी निरीक्षण या सेल्फ सर्टिफिकेशन पर आधारित 26 से अधिक प्रकार के निरीक्षण शुरू किए गए।

लेंड एडमिनिस्ट्रेशन और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन:- बिजनेस के लिए भूमि आवंटन हेतु ऑनलाइन आवेदन मंगाए जा रहे हैं। प्रोपर्टी रजिस्ट्रेशनके लिए ऑनलाइन आवेदन मंगाए जा रहे हैं। सब रजिस्ट्रार ऑफिस में प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड होते ही तहसील या यूएलबी या डिस्कॉम में मुटेशन या नाम चेंज शुरू करने के लिए एक सिस्टम लागू किया गया।

कंस्ट्रक्शन परमिट:- इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए योगी सरकार ने कंस्ट्रक्शन परमिट के लिए स्मार्ट DCR सुविधा के साथ ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम (OBPAS) लागू किया।

पर्यावरण रजिस्ट्रेशन:- किसी भी बिजनेस को शुरू करने के लिए पर्यावरण एनओसी की भी जरुरत पड़ सकती है। इसलिए योगी सरकार ने उद्योगों को CTE या CTO की अनुमति देने के लिए UPPCB में "ऑनलाइन कंसेंट मैनेजमेंट और मॉनिटरिंग सिस्टम" लागू किया है।

टैक्स भगुतान:- बिजनेसमैन के टैक्स भगुतान भी एक बड़ी समस्या होती है। इसको आसान बनाने के लिए यूपी सरकार ने प्रोफेशनल टैक्स को खत्म कर दिया है।

यूटिलिटी परमिट:- किसी भी बिजनेस शुरू करने के लिए पानी और बिजली बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए योगी सरकार ने पानी और बिजली कनेक्शन को ऑनलाइन कर दिया है। पानी-बिजली कनेक्शन के लिए केवल 2 दस्तावेजों की जरूरत होती है।

सूचना तक पहुंच:- अब यूपी में बिजनेस संबंधी किसी तरह की जानकारी के लिए इधर-उधर भटकने की जरुरत नहीं होगी क्योंकि सरकार ने लाइसेंस के लिए नोटिफिकेशन, प्रोसेस, चेकलिस्ट ऑनलाइन उपलब्ध हैं।

कॉन्ट्रैक्ट इंफोर्समेंट:- यूपी में बिजनेस से संबंधित कोई विवाद जल्द निपट जाए इसके लिए योगी सरकार ने 13 कॉमर्शियल कोर्ट की स्थापना की।

सेक्टर स्पेसिफिक नियम:- किसी भी सेक्टर से जुड़े बिजनेस के लिए पार्टनरशिप फर्मों या सोसाइटियों आदि के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। दवा के लिए होलसेल, मन्युफैक्चरिंग या रिटेल लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

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