Onion Price News: मार्च से फिर बढ़ सकती हैं प्याज की कीमतें, निर्यातकों ने आपूर्ति में कमी को लेकर चेताया

Onion Price Hike News: प्याज निर्यातकों के समूह ने सरकार को चेताते हुए कहा कि निर्यात पर अंकुश नहीं लगाया गया तो मार्च महीने से प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। उद्योग के प्रतिनिधियों ने रबी की फसल में 30% की गिरावट की चेतावनी दी है, जिससे संभावित तौर पर प्याज की कीमतें मार्च में बढ़ोतरी हो सकती है।

Onion prices Hike

पैदा हो सकता है प्याज आपूर्ति का संकट

onion price rise News in Hindi: भारत के लोगों को प्याज के लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ सकते है। क्योंकि उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने कहा कि भारत को अगली खरीफ फसल की कटाई तक प्याज की आपूर्ति में बड़ी कमी का सामना करना पड़ सकता है। अगर प्याज की आपूर्ति में कमी हुई तो प्याज के दाम में बढ़ोतरी होना तय है। यह मौजूदा हालात में बदलाव का प्रतीक होगा क्योंकि देश को निर्यात प्रतिबंध के बीच सब्जियों की आपूर्ति में प्रचुरता और कीमतों स्थिर हैं। उद्योग के प्रतिनिधियों ने रबी की फसल में 30% की गिरावट की चेतावनी दी है, जिससे संभावित तौर पर प्याज की कीमतें मार्च में बढ़ोतरी हो सकती है। खरीफ और रबी की फसलों के बीच आपूर्ति की कमी की वजह से प्याज के दाम बढ़ सकते हैं। 2023 में अनियमित मानसून जिसके कारण महाराष्ट्र, कर्नाटक और दक्षिण भारत के कई अन्य राज्यों में कम वर्षा हुई। जिससे दाल, गन्ना और प्याज जैसे प्रमुख खाद्य फसलों के उत्पादन में कमी आई। पिछले वर्ष की तुलना में तुअर उत्पादन में करीब 13% की गिरावट आने की उम्मीद है। जिससे उद्योग के अनुमान के मुताबिक अगली फसल आने तक पूरे वर्ष उपभोक्ताओं के लिए तुअर दाल महंगी रहने की उम्मीद है।

50-60 रुपए प्रति किलो हो सकता है प्याज कीमत

इकोनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक केंद्र सरकार को लिखे एक पत्र में प्रमुख प्याज निर्यातकों के समूह ने सरकार को निर्यात को नियंत्रित करने के लिए उचित तंत्र का पालन किए बिना प्याज निर्यात की अनुमति देने के परिणामों के बारे में आगाह किया है। सोमवार को सरकारी अधिकारियों से मुलाकात करने वाले निर्यातकों ने दावा किया कि कथित तौर पर 300000 टन प्याज के निर्यात से नासिक जिले के बाजारों में कीमतें 35-40 रुपए प्रति किलोग्राम और अन्य खुदरा बाजारों में 50-60 रुपए प्रति किलोग्राम तक बढ़ जाएंगी। निर्यातकों ने कहा कि हमें उम्मीद है कि मार्च की शुरुआत से प्याज की कीमतें और मांग काफी बढ़ जाएगी क्योंकि एक तरफ रमजान त्योहार की मांग बढ़ गई है और दूसरी तरफ खरीफ फसल की आवक कम हो गई है और रबी की आवक में कुछ अंतर है। महाराष्ट्र के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी रबी की फसल काफी कम है। खरीफ की फसल अंतिम चरण में है और अगले 15 दिनों में आवक कम हो जाएगी। रबी की फसल मार्च के मध्य के बाद बाजारों में आने की उम्मीद थी अभी नहीं आई है। पिछले वर्ष की तुलना में कम होने की संभावना है।

टमाटर या अंगूर के लेबल लगाकर निर्यात किया जा रहा है प्याज

भारत ने बढ़ती घरेलू कीमतों और संभावित कमी को नियंत्रित करने के लिए दिसंबर 2023 में मार्च 2024 तक रसोई के सामानों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि निर्यात प्रतिबंध के कारण प्याज की कीमतों में गिरावट आई थी। जिससे प्याज के टॉप उत्पादक महाराष्ट्र में किसानों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया था। पिछले हफ्ते ईटी रिपोर्ट दी थी कि प्रतिबंध के बावजूद प्याज का निर्यात जारी रहा है क्योंकि कुछ निर्यातकों ने इसे टमाटर या अंगूर घोषित कर दिया है। ईटी की रिपोर्ट के बाद सीमा शुल्क विभाग को प्याज निर्यात की गलत लेबलिंग के ऐसे मामले सामने आए।

निर्यात पर नियंत्रण नहीं हुआ तो प्याज संकट(Onion Crisis)

रविवार को कुछ कैबिनेट मंत्रियों और अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक में निर्यात स्थिति की समीक्षा की गई और 300,000 टन प्याज के निर्यात की अनुमति देने पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि हम आपकी चिंता को समझते हैं कि जरूरी मात्रा से अधिक निर्यात से कैसे बचा जाए। अगर निगरानी और नियंत्रण नहीं किया गया तो प्याज की कीमतों से अगली खरीफ फसल की कटाई तक संकट पैदा हो सकता है।

ताजा प्याज का एकमात्र स्रोत है भारत

ईटी के मुताबिक निर्यातकों ने अपने पत्र में कहा कि साथ ही वैश्विक बाजारों में हमारी उपस्थिति बनाए रखने के लिए नियंत्रित निर्यात की पर्याप्त गुंजाइश है। एक प्रमुख प्याज निर्यातक ने कहा कि निर्यातक के लिए खरीदारों से अग्रिम भुगतान लेना और 250-300 टन की बहुत छोटी मात्रा के लिए नो ऑब्जेक्ट सर्टिफिकेट (एनओसी) देना अनिवार्य कर दिया गया है। वैश्विक बाजार में प्याज की भारी कमी है और भारत ताजा प्याज का एकमात्र स्रोत है। अंतरराष्ट्रीय कीमतें 1000-1400 डॉलर प्रति टन के बीच हैं जबकि भारतीय प्याज 350 डॉलर प्रति टन पर उपलब्ध है।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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