नूंह से 60 KM के दायरे में कई MNC ऑफिस और प्लांट ,हिंसा बिगाड़ सकती है बिजनेस
Nuh Violence And Impact On Haryana Industries: नूंह की लोकेशन ऐसी है कि उसके चारों तरह कंपनियों के हेड क्वार्टर से लेकर उनके मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट का जाल बिछा हुआ है। केवल 65 किलोमीटर की दूरी पर गुरूग्राम है। जहां पर टीसीएस, गूगल, एयरटेल , पेप्सिको, कोका-कोला, नोकिया, होंडा,सैमसंग,पैनासोनिक, ओरेकल जैसी बड़ी कंपनियों के ऑफिस और प्लांट हैं।
साइबर सिटी के नाम से फेमस है गुरूग्राम
Nuh Violence And Impact On Haryana Industries:हरियाणा के नूंह से शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा की आंच सोहना, गुरूग्राम तक पहुंच गई है। आलम यह है कि स्कूल-कालेज बंद कर दिए गए हैं। हिंसा के दौरान 6 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अगर यह अशांति जल्दी नहीं थमी तो एक नया संकट खड़ा हो सकता है। जिसके तहत कार,बाइक से लेकर आईटी सर्विसेस देने वाली कंपनियों के बिजनेस पर असर हो सकता है। और इस कारण सप्लाई चेन बाधित हो सकती है।
असल में गुरूग्राम, सोहना ,मानेसर और रिवाड़ी ऐसे बिजनेस सेंटर हैं, जहां पर मारूति, हीरोमोटोकॉर्प, कैरिअर, होंडा जैसी कई बड़ी कंपनियों के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं। और इस एरिया में लाखों वर्कर्स रहते हैं। ऐसे में अशांति और हिंसा काम-काज पर बुरा असर डाल सकती है। इसके अलावा इंटरनेट सस्पेंड होने का असर भी प्रोडक्ट्विटी पर होगा। अभी तक सोहना, मानेसर, नूंह और पटौदी में इंटरनेट सस्पेंड किया जा चुका है। फिलहाल कई कंपनियों ने सुरक्षा को देखते हुए कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम को करने को कह दिया है।
नूंह से केवल 60 किलोमीटर के दायरे में गुरूग्राम, मानेसर और सोहना
नूंह की लोकेशन ऐसी है कि उसके चारों तरह कंपनियों के हेड क्वार्टर से लेकर उनके मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट का जाल बिछा हुआ है। नूंह से केवल 65 किलोमीटर की दूरी पर गुरूग्राम है। जहां पर टीसीएस, गूगल, एयरटेल , पेप्सिको, कोका-कोला, नोकिया, होंडा दोपहिया,सैमसंग,पैनासोनिक, ओरेकल जैसी बड़ी कंपनियों के ऑफिस और प्लांट हैं।
इसी तरह सोहना नूंह से केवल 20-25 किलोमीटर की दूरी पर है। गुड़गांव-सोहना रोड पर भी कई कंपनियों के ऑफिस हैं। पुंज लायड, लेनोवो जैसे कंपनियों के ऑफिस हैं। इसी तरह मानेसर नूंह से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर है। जहां पर मारूति सुजूकी का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट है। हीरो मोटोकॉर्प का भी मानेसर में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट है।
काम करते हैं लाखों कर्मचारी
इन कंपनियों में लाखों की संख्या में कर्चमारी काम करते हैं। इसके अलावा इनमें से बड़ी संख्या में कर्मचारी इन इलाकों में रहते भी हैं। ऐसे में अगर इंटरनेट सेवाओं ठप रही और इन इलाको में कर्फ्यू जैसे हालात बने रहते हैं। तो उसका सीधा असर कंपनियों के उत्पादन पर हो सकता है। साथ ही इन शहरों में बड़े पैमाने पर बड़ी कंपनियों के कंपोनेंट निर्माता और कई एमएसएमई इकायां हैं। जिनके कारोबार पर भी असर हो सकता है।
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