देश की सबसे बड़ी बैंकिंग लूट, 7 घंटे तक लाचार था पूरा सिस्टम,हर सेकेंड लुट रही थी लोगों की कमाई
India Biggest Bank Robbery, How It Will Unfold : हैकर्स ने पूरे वारदात को 11 अगस्त को दोपहर 3 बजे से शुरू कर रात 10 बजे तक अंजाम दिया गया। इसके लिए हैकर्स ने सबसे पहले कॉसमॉम कोऑपरेटिव बैंक के हेड क्वॉर्टर स्थित सर्वर को हैक किया। इसके बाद उसके ग्राहकों के वीसा और रूपे डेबिट कार्ड की जानकारी चुरा ली। और 28 देशों में तकरीबन 12 हजार बार ट्रांजैक्शन कर 78 करोड़ रुपये निकाल लिए।
देश का सबसे बड़ा बैंकिंग फ्रॉड
India Biggest Bank Robbery, How It Was Unfold :11 अगस्त का दिन देश के बैंकिंग इतिहास में एक ऐसे दिन के रूप में जाना जाता है, जिस दिन बैंकिंग सिक्योरिटी सिस्टम लाचार हो गया था। और करीब 7 घंटे तक देश के एक प्रमुख बैंक के सर्वर को हैक कर सैकड़ों कस्टमर को चूना लगाया जा रहा था। हम बात भारत की अब तक की सबसे बड़ी साइबर बैंकिंग लूट की कर रहे हैं। जिसमें Cosmos Cooperative Bank के सैंकड़ों कस्टमर को हर सेकंड लूटा जा रहा था। सब कुछ इतना शातिर अंदाज में हो रहा था कि बैंकर्स और कस्टमर को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। और हैकर्स बैंक ग्राहकों के डाटा को हैक कर फ्रॉड का 28 देशों में अंजाम दे रहे थे। यह पूरी चोरी 11 और 13 अगस्त 2018 के दिन हुई थी। और अब इस मामले में करीब 5 साल बाद बीते अप्रैल में पुणे कोर्ट ने 11 लोगों को सजा सुनाई है। इस पूरी लूट में हैकर्स ने करीब 94 करोड़ उड़ा दिए थे।
उस दिन क्या हुआ था
असल में बैंक द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार हैकर्स ने पूरे वारदात को 11 अगस्त को दोपहर 3 बजे से शुरू कर रात 10 बजे तक अंजाम दिया गया। इसके लिए हैकर्स ने सबसे पहले कॉसमॉम कोऑपरेटिव बैंक के हेड क्वॉर्टर स्थित सर्वर को हैक किया। इसके बाद उसके ग्राहकों के वीसा और रूपे डेबिट कार्ड की जानकारी चुरा ली। और 28 देशों में तकरीबन 12 हजार बार ट्रांजैक्शन कर 78 करोड़ रुपये निकाल लिए। इसके अलावा भारत में भी 2849 बार ट्रांजेक्शन किए गए। और एक झटके में लोगों के 2.50 करोड़ चुरा लिए। इसके बाद 13 अगस्त को स्विफ्ट (Swift System) से फ्रॉड 13 करोड़ रुपये निकाल लिए गए।
ATM से धड़ाधड़ चुराए जा रहे थे पैसे
जब हैकर्स ने 400-450 लोगों के डेबिट कार्ड की डिटेल चुरा ली तो उसके बाद दुनिया भर के 28 देशों में एटीएम से धड़ाधड़ पैसे निकालने जाने लगे। हैकर्स ने डाटा को क्लोन कर इसे अंजाम दिया था। सबसे पहला ट्रांजैक्शन कनाडा से हुआ था। इसके लिए कॉममॉस बैंक के हेडक्वार्टर स्थित एटीएम स्विच (सर्वर) को मालवेयर अटैक के जरिए हैक कर लिया गया था। और फिर सभी देशों से पैसे निकाले गए। और भारत में बैंक के एटीएम यूजलेस हो गए। इस मामले में हांगकांग की एएलएम ट्रेडिंग लिमिटेड कंपनी को भी आरोपी बनाया गया।
पुलिस ने कैसे पकड़े आरोपी, 5 करोड़ की रिकवरी
रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में पुणे पुलिस ने कुल 18 लोगों को आरोपी बनाया और 17 हजार पेज की चार्जशीट फाइल की थी। और उसने करीब 5.72 करोड़ रुपये रिकवर भी किए। यह पैसा हांगकांग की कंपनी को ट्रांसफर किया गया था। बीते अप्रैल में 11 लोगों को कोर्ट ने सजा सुनाई है। जिसमें उन्हें 4 साल और 3 साल कारावास की सजा सुनाई गई है। पुलिस ने इसके तहत आरोपियों के ट्रांजैक्शन को हथियार बनाया। जिन्होंने भारत में एटीएम से पैसे निकाले थे।
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