Nirmala Sitharaman slip of tongue: बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की जुबान फिसली, हुआ वायरल

Nirmala Sitharaman slip of tongue : केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की जुबान फिसली। उन्होंने उन्होंने 'प्रदूषणकारी' (polluting) शब्द के बजाय पॉलिटिकल (political) बोल दिया। इसके बाद उनका बयान वायरल होने लगा। सोशल मीडिया यूजर्स प्रतिक्रिया देने लगे।

Nirmala Sitharaman

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Nirmala Sitharaman slip of tongue : संसद में केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की जुबान फिसल गई। उन्होंने 'प्रदूषणकारी' (polluting) शब्द के बजाय पॉलिटिकल (political) बोल दिया। उनका यह बयान वायरल हो गया। निर्मला सीतारमण को बुधवार को बजट सत्र के दौरान यह कहते हुए सुना गया कि एक प्रमुख नीति को खत्म करके पुराने पॉलिटिकल वाहनों को बदलना है। हालांकि उन्होंने जल्द ही स्लिप ऑफ टंग को सुधार लिया। इसे इसे 'पुराने प्रदूषणकारी' के रूप में सही ढंग से परिभाषित किया। उन्होंने त्रुटि को तुरंत स्वीकार करते हुए इसे जोड़ा।

फिर किया था ट्विटर यूजर्स ने उस क्षण प्रतिक्रिया देना शुरू किया जब वित्त मंत्री की जुबान फिसल गई। उनका बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होने लगा। लोग टिप्पणी करने लगे। नीचे जानिए लोगों ने क्या-क्या कहा।

सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करते समय कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को बदलकर नए वाहन लाना अर्थव्यवस्था को हरित बनाने के लिहाज से काफी अहम है। उन्होंने कहा कि इस मद में केंद्र सरकार के पुराने वाहनों को बदलने के लिए समुचित कोष का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा राज्य सरकारों को भी पुराने वाहनों और एंबुलेंस को बदलने के लिए समर्थन दिया जाएगा।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा था कि 15 साल से अधिक पुराने केंद्र एवं राज्य सरकारों के स्वामित्व वाले और सार्वजनिक क्षेत्र के 9 लाख से अधिक वाहन 1 अप्रैल, 2023 से सड़कों पर चलने बंद हो जाएंगे। उनकी जगह नए वाहनों एवं बसों को सड़कों पर उतारा जाएगा।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस सिलसिले में एक अधिसूचना भी जारी कर दी है। इस तरह केंद्र और राज्य सरकारों के वाहनों के साथ परिवहन निगमों की बसों और सार्वजनिक इकाइयों के वाहन भी 15 साल पूरा होने पर अपंजीकृत कर दिए जाएंगे और वे कबाड़ बन जाएंगे। हालांकि, यह नियम विशेष उद्देश्य वाले वाहनों मसलन, हथियारबंद एवं सैन्य वाहनों पर लागू नहीं होगा। इसके अलावा कानून एवं व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा में तैनात वाहन भी इसके दायरे से बाहर रखे गए हैं।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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