रोज पढ़ते हैं गायत्री मंत्र, लेकिन क्या जानते हैं इसका अर्थ?
Gayatri Mantra Meaning In Hindi: सनातन धर्म में गायत्री मंत्र को सबसे शक्तिशाली और दिव्य मंत्र माना गया है। बहुत से लोग अपने दिन की शुरुआत इसी मंत्र के साथ करते हैं लेकिन आपने कभी सोचा कि इस मंत्र का अर्थ क्या है? चलिए जानते हैं...

रोज पढ़ते हैं गायत्री मंत्र, लेकिन क्या जानते हैं इसका अर्थ?
Gayatri Mantra Meaning In Hindi (गायत्री मंत्र का अर्थ): गायत्री मंत्र सनातन धर्म का सबसे पवित्र और शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। कहते हैं इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को बुद्धि, विवेक, शुद्धता और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। इस मंत्र में भूः यानी पृथ्वी, भुवः यानी अंतरिक्ष, स्वः यानी स्वर्ग — तीनों लोकों का समावेश है। गायत्री मंत्र के जरिए हम प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर हमारी बुद्धि को सही दिशा दें। इसलिए यह मंत्र विद्यार्थियों और साधकों के लिए अत्यंत उपयोगी माना गया है। चलिए आपको बताते हैं गायत्री मंत्र का अर्थ क्या है और इसके जाप का सही तरीका क्या है।
गायत्री मंत्र का अर्थ (Gayatri Mantra Meaning In Hindi)
ॐ भूर्भुवः स्वः।
तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्॥
अर्थ- उस दुःखनाशक, तेजस्वी, पापनाशक, प्राणस्वरूप, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, देवस्वरूप परमात्मा को हम अंत:करण में धारण करें। हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में परमात्मा प्रेरित करें।
इस मंत्र का हिंदी में मतलब है - हे प्रभु, कृपा करके हमारी बुद्धि को उजाला प्रदान कीजिये और हमें धर्म का सही रास्ता दिखाईये। यह मंत्र सूर्य देवता के लिये प्रार्थना रूप से भी माना जाता है।
गायत्री मंत्र के जाप के फायदे (Gayatri Mantra Ke Jaap Ke Fayde)
- इस मंत्र के जाप से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- ये मंत्र मन को शांत और स्थिर करता है।
- आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
- नजर दोष और बुरी शक्तियों से रक्षा करता है।
- आत्मविश्वास बढ़ाता है।
- सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है।
- इस मंत्र के जाप से ध्यान केंद्रित करने में आसानी होती है।
गायत्री मंत्र के जाप का सही तरीका (Gayatri Mantra Jaap Ka Tarika)
पुराणों में गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए तीन समय बताए गए हैं। जिसमें पहला समय प्रातःकाल का है दूसरा दोपहर का समय है और तीसरा शाम का समय बताया गया है। लेकिन कई जानकार ये भी बताते हैं कि इस मंत्र का जाप कभी भी किया जा सकता है। लेकिन ऐसी स्थिति में मौन रहकर ये मंत्र जपना है। इस बात का ध्यान रखें कि मंत्र का जाप करते समय आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। मंत्र का जाप कम से कम 11 बार जरूर करना चाहिए। इसके अलावा गायत्री मंत्र का शुद्ध उच्चारण अत्यंत आवश्यक है। इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना सबसे उत्तम माना गया है।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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