शुक्रवार को कुंडली में चमत्कार कर देगा ये योग, शुभ कार्य करने का सबसे अच्छा ला रहा संयोग, अभी नोट करें टाइम
Aaj ka Shubh Muhurat: 20 जून यानी शुक्रवार को शोभन योग बन रहा है। ये शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। शुक्रवार को शोभन योग का आरम्भ सुबह 02:46 बजे होगा और इसका समापन 23:47 पर होगा। कुंडली में जब शुक्र ग्रह बृहस्पति या बुध के साथ केंद्र या कोण में होता है और शुक्र उच्च का या स्वगृही होता है तो इस संयोग से शोभन योग बनता है। यह योग सफलता और प्रसिद्धि दिलाता है।

आज का शुभ मुहूर्त
Aaj ka Shubh Muhurat: शुक्रवार का दिन यूं तो मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। लेकिन 20 जून का शुक्रवार एक चमत्कारी संयोग लेकर आ रहा है। दरअसल इस दिन 27 योगों में से एक शोभन योग बन रहा है। 20 जून को शोभन योग सुबह 02:46 बजे से लेकर रात 23:47 तक रहेगा। यानी कल का पूरा दिन शुभ काम के लिए अच्छा रहेगा। शोभन को सजीला और रमणीय योग माना जाता है।
20 जून के पंचांग की महत्वपूर्ण समय सारणी
20 जून, शुक्रवार को राहुकाल 10:38 अपराह्न से 12:23 अपराह्न तक रहेगा। जबकि रेवती नक्षत्र का योग है। सूर्योदय 5:24 बजे प्रात: और सूर्यास्त 19:22 सायं बजे होगा।
शोभन योग का क्या महत्व होता है
जैसे कि नाम से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह शोभा देने वाला योग है। दृक पंजांगानुसार शोभन को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। शुभ कार्य करने और यात्रा पर निकलते वक्त यह योग उत्तम माना गया है। इस योग में निकलने से यात्रा मंगलमय और सुखद रहती है। मार्ग में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होती। जिस कामना से यात्रा की जाती है, वह भी पूरी होती है। बता दें कि 20 जून को शोभन योग सुबह 02:46 बजे से लेकर रात 23:47 तक जारी रहेगा।
शोभन योग को रमणीय या सजीला क्यों कहते हैं
शास्त्रों के मुताबिक इस योग में जन्मे जातक में कामुकता होती है और वो तीक्ष्ण बुद्धि का होता है। व्यक्ति धार्मिक स्वभाव का होता है और यह पेशेवर कार्यों के लिए भी उत्तम योग माना जाता है। इस योग में जन्मे जातक में बौद्धिकता का विकास होता है, वो गुणवान और मीठा बोलने वाला होता है। देखने में आकर्षक तो होता ही है साथ ही उसके विचार भी प्रगतिशील होते हैं।
शोभन योग कैसे बनता है
कुंडली में यदि शुक्र ग्रह बृहस्पति या बुध के साथ केंद्र या कोण में हो और शुक्र उच्च का या स्वगृही हो तो शोभन योग बनता है। शोभन योग में जातक तीक्षण मेधा शक्ति वाला होता है। यदि यह योग नौवें धर्म भाव में बनता है तो जातक अत्यंत प्रगतिशील और धार्मिक होता है।
शुभ मुहूर्त या योग पर चर्चा मुहूर्त मार्तण्ड, मुहूर्त गणपति, धर्म सिंधु, निर्णय सिंधु आदि शास्त्रों में की गई है। हिन्दू पंचांग में मुख्य 5 बातों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। ये 5 हैं- पहला तिथि, दूसरा वार, तीसरा नक्षत्र, चौथा योग और पांचवां करण। कुल 27 योगों में से शोभन 5वें स्थान पर आता है।
इनपुट - आईएएनएस
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