मरी हुई चींटी के पास क्यों इकट्ठी हो जाती हैं सारी चींटियां, आखिर कैसे पता चलता है उन्हें
जब चींटी मरती है, तो आपने देखा होगा कि उसके शरीर को अन्य चींटियां ढोते हुए कहीं ले जा रही होती हैं। आखिर ये चींटियां ऐसा क्यों करती हैं और उन्हें कैसे पता चलता है कि उनके किसी साथी चींटी की मौत हो चुकी है। आज हम आपको इसी रहस्य के बारे में बताने जा रहे हैं।
चींटी भी एक समाजिक प्राणी है
जैसे इंसान एक सामाजिक प्राणी है, वैसे ही चींटियां भी एक सामाजिक कीट हैं। यानी ये भी इंसानों की तरह ही एक समाज में रहती हैं और अपना जीवन निर्वहन करती हैं। इसी वजह से अक्सर हमें एकता और सहयोग का उदाहरण इन चींटियों से ही दिया जाता है।
व्यवस्थित ढंग से काम करती हैं चींटियां
चींटियों के समाज में हर एक काम एक निश्चित व्यवस्था के तहत होता है, चाहे वह भोजन की खोज हो, कॉलोनी की सुरक्षा हो, या फिर मरी हुई चींटी को संभालना हो। आपने देखा होगा कि जब भी कोई चींटी मर जाती है तो अन्य चींटियाँ उसके पास इकट्ठा हो जाती हैं और उसे कॉलोनी से बाहर ले जाती हैं।
भला ऐसा क्यों करती हैं चींटियां?
ऐसे में कभी आपने यह बात सोची है कि आखिर चींटियां भला ऐसा क्यों करती हैं और उन्हें कैसे यह पता चलता है कि उनकी किसी साथी चींटी की मृत्यु हो गई है? क्या यह सब पता करने के लिए उनके पास भी कोई डॉक्टर होता है? चींटियों के इसी व्यवहार के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
एक खास तरह के रसायन की वजह से होता है ऐसा
आपको जानकर यह हैरानी होगी कि चींटियाँ अपने पर्यावरण और एक-दूसरे के साथ संवाद करने के लिए रासायनिक संकेतों का उपयोग करती हैं। इस रसायन को फेरोमोन कहते हैं। जब कोई चींटी जीवित होती है, तो वह लगातार फेरोमोन का उत्सर्जन करती है, जो उसकी उपस्थिति की जानकारी देता है।
मृत चींटियों के शरीर से निकलता है यह केमिकल
लेकिन जब कोई चींटी मर जाती है तो यह प्रक्रिया रुक जाती है, और चींटी का शरीर एक अलग तरह का रासायनिक संकेत छोड़ना शुरू कर देता है। जिसे ओलिक एसिड (Oleic acid) कहते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि मृत चींटी के शरीर से ओलिक एसिड (Oleic acid) जैसे केमिकल्स निकलते हैं।
क्यों मृत चींटियों को ढोती हैं दूसरी चींटियां?
इसी केमिकल की वजह से अन्य चींटियों को पता चलता है कि उसके किसी साथी चींटी की मौत हो चुकी है। इसके बाद ये चींटियां मृत चींटी को कॉलोनी से बाहर लेकर जाती हैं ताकि कॉलोनी स्वच्छ और सुरक्षित रहे। विज्ञान की भाषा में इस पूरी प्रक्रिया को हम नेक्रोफोरेसिस (Necrophoresis) कहते हैं।
समाज के लिए जागरूक होती हैं चींटियां
चींटियां अपने समाज के प्रति इंसानों से भी ज्यादा जागरूक होती हैं। उन्हें हमेशा अपनी कॉलोनी की चिंता रहती है ताकि वहां कोई गंदगी या फिर किसी तरह के रोगाणु ना उत्पन्न हों। ऐसे में चींटियां अपने मृत साथी चींटी के शरीर को पहचान कर तुरंत कार्रवाई करती हैं और मृत शरीर को कॉलोनी से बाहर ले जाती हैं। मृत चींटियों के शरीर में बैक्टीरिया, फंगस या अन्य रोगजनक तत्व विकसित हो जाते हैं। अगर मृत चींटी को कॉलोनी में छोड़ दिया जाए, तो यह बीमारियों का कारण बन सकता है, इसलिए चींटियाँ ऐसा करती हैं।
बाबर आजम ने मारी टॉप-5 में एंट्री, हासिल की खास उपलब्धि
इंटरनेट सेंशेसन Girija Oak ने किस कॉलेज से की है पढ़ाई, जानें क्यों हो रहीं वायरल
Jio के करोड़ों यूजर्स को बड़ी राहत, एक साल के लिए डेटा और फ्री कॉलिंग की टेंशन हुई खत्म
Btech केमिकल इंजीनियरिंग या केमिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी, किस कोर्स के बाद मौके ज्यादा
मरते दम तक नहीं भूलूंगा, 5 मिनट के वीडियो ने बदल दी संजू सैमसन की लाइफ
धर्मेंद्र से मिलकर अस्पताल से निकलीं हेमा मालिनी-ईशा देओल, घर पहुंच करेंगी स्वागत की तैयारी!!
JVC Exit Poll 2025 : एग्जिट पोल में मोकामा से जीत रहे अनंत सिंह, सूरजभान की पत्नी वीणा देवी पीछे
Bihar Chunav 2025 Poll of Polls: बिहार चुनाव 2025 का पोल ऑफ पोल्स, साफ दिख रही है NDA सरकार, नहीं चला प्रशांत किशोर का जादू!
Jan Suraj Exit Poll Result: बिहार एग्जिट पोल में PK की 'जनसुराज' को करारी हार, नहीं चला प्रशांत किशोर का जादू!
MATRIZE IANS Exit Poll 2025: फिर एक बार नीतीश कुमार... NDA की बल्ले-बल्ले; महागठबंधन को मिल रही कितनी सीटें?
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited