कौन हैं PFI के वो सहयोगी संगठन जिनपर सरकार ने लगाया है बैन, जानिए आतंकी गतिविधियों में उनकी भूमिका...

केंद्र सरकार का बैन का फैसला पिछले पांच दिनों में पीएफआई और उसके सदस्यों पर जांच एजेंसियों द्वारा की गई कई कार्रवाई के बाद आया है। जांच एजेंसियों द्वारा 106 से अधिक PFI के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है और 247 को हिरासत में लिया गया है। इनसे पूछताछ जारी है।

PFI

पीएफआई के आठ सहयोगी संगठनों पर भी लगा बैन (फाइल फोटो)

मुख्य बातें
  • पांच साल के लिए पीएफआई पर लगाया गया है बैन
  • पीएफआई के साथ-साथ आठ और पर लगा है बैन
  • ये आठों हैं पीएफआई के सहयोगी संगठन

पीएफआई पर पांच साल के लिए बैन लग चुका है, पीएफआई के साथ-साथ उसके आठ और सहयोगी संगठनों पर बैन लगा है। अब पीएफआई को लेकर तो जाहिर है कि वो सीधे तौर पर आतंकी गतिविधियों में शामिल है, लेकिन सवाल है कि इसके उन आठ संगठनों पर क्या आरोप है, जिसके कारण इसपर बैन लगा है और कागजों पर ये संगठन क्या करते हैं?

पीएफआई के जिन सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया है वो हैं- रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल कॉन्फेडरेशन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन (EIF) और रिहैब फाउंडेशन, केरल।

आइए जानते हैं इन संगठनों के बारे में विस्तार से

रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF)
रिहैब इंडिया फाउंडेशन दिल्ली स्थित एक गैर-सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना 17 मार्च 2008 को हुई थी। इस संगठन का दावा है कि यह देश के वंचित समाज में शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक विकास के लिए काम करता है। यह बिहार, आंध्र प्रदेश, असम, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल में काम करता है। यह तो वो परिचय है जो कागजों पर है। असल में यह पीएफआई के साथ मिलकर उसके संगठन का विस्तार करता है, लोगों को संगठन से जोड़ता। विदेशों से फंड जमा करता है। इस बैन से पहले भी इस संगठन पर कार्रवाई हो चुकी है। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में ईडी इसके खाते को सील कर चुकी है।
कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI)कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) इस्लामिक संगठन, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का छात्र विंग है। CFI को नई दिल्ली में सात नवंबर को राष्ट्रीय छात्र सम्मेलन 2009 में लॉन्च किया गया था। सीएए से लेकर हिजाब विवाद तक में यह संगठन काफी सक्रिय रहा है। इस संगठन पर आरोप है कि पीएफआई इसके जरिए आतंकी गतिविधियों के लिए फंड जुटाती है। विदेश से लेकर देश तक में इस संगठन के सहारे पीएफआई काम करती है। ईडी इसके सदस्यों के खिलाफ भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर चुकी है।
ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC)एआईआईसी यानि कि ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की एक पहल है। इसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में मुसलमानों को सशक्त बनाना और पूरे देश में इमामों को एकजुट करना था। कागजी दावों से इतर यह संगठन भी आतंकी गतिविधियों में लिप्त था। इसके नेताओं के खिलाफ एनआईए कार्रवाई कर चुकी है। उन्हें गिरफ्तार कर चुकी है।
नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO)मानवाधिकार संगठनों का राष्ट्रीय परिसंघ (NCHRO) भारत में स्थित एक मानवाधिकार संगठन है, जो पूरे भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर नजर रखने का दावा करता है। यह ह्यूमन राइट्स वॉच इंटरनेशनल जैसे अन्य अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों की मदद से कई शोध भी कर चुका है। ये तो इसकी कागजी पहचान थी, लेकिन इसका मुख्य काम पीएफआई को मदद करना था। पीएफआई के इशारे पर काम करना और विदेशों से फंड लेकर पीएफआई को देना, ताकि उसकी साजिशों को अंजाम दिया जा सके।

इसी तरह बाकी पीएफआई के संगठन- नेशनल कॉन्फेडरेशन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन (EIF) और रिहैब फाउंडेशन भी काम करता था। कागजों पर कुछ और पर्दे के पीछे पीएफआई को मदद करना। दरअसल पीएफआई ने इन संगठनों को एक तरह से बैकअप प्लान के रूप में भी तैयार कर रखा था, ताकि अगर उस पर बैन लगे तो इन संगठनों की मदद से वो साजिशों को अंजाम दे सके।

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