Explained: 96 साल पुराना संसद भवन इतिहास में दर्ज, अब इसका क्या होगा

ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया प्रतिष्ठित संसद भवन न केवल आजादी के लिए संघर्ष का गवाह बना, बल्कि उसके बाद देश का उत्थान भी देखा।

author-479260007

Updated Sep 19, 2023 | 05:27 PM IST

parliament

देश की पुरानी संसद

Old Parliament Building: संसद की कार्यवाही आज से नए संसद भवन में चलेगी। पुराना संसद भवन अब इतिहास में दर्ज हो गया है। लेकिन पुराना संसद भवन संविधान को अपनाने सहित कुछ ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है। यह 1927 में बनकर तैयार हुआ था और अब 96 साल पुराना हो चुका है। वर्षों से इसे आज की जरूरतों के लिए अपर्याप्त पाया गया। लोकसभा में प्रधान त्री नरेंद्र मोदी ने पुरानी इमारत को याद करते हुए कहा कि सांसद नई आशा और विश्वास के साथ नई इमारत में प्रवेश करेंगे।

एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया

ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया प्रतिष्ठित संसद भवन न केवल आजादी के लिए संघर्ष का गवाह बना, बल्कि उसके बाद देश का उत्थान भी देखा। सरकारी सूत्रों का कहना है कि इस इमारत को ध्वस्त नहीं किया जाएगा और संसदीय कार्यक्रमों के लिए इसे रेट्रोफिट किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि ऐतिहासिक संरचना का संरक्षण किया जाएगा, क्योंकि यह देश की पुरातात्विक संपत्ति है।

संग्रहालय में बदल सकती है एक हिस्सा

2021 में तत्कालीन केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा को बताया था कि मौजूदा ढांचे की मरम्मत करनी होगी और इसे वैकल्पिक उपयोग के लिए उपलब्ध कराना होगा। उन्होंने कहा था कि विरासत के प्रति संवेदनशील पुनर्स्थापना के लिए राष्ट्रीय अभिलेखागार को नए संसद भवन में स्थानांतरित किया जाएगा। इससे पुराने संसद भवन को और अधिक जगह मिल सकेगी। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि पुरानी इमारत के एक हिस्से को संग्रहालय में तब्दील किया जा सकता है।

नए संसद भवन की खासियतें

नए संसद भवन का उद्घाटन इसी साल मई में प्रधानमंत्री ने किया था। विशाल भवन में लोकसभा कक्ष में 888 सदस्य और राज्यसभा कक्ष में 300 सदस्य आराम से बैठ सकते हैं। दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के लिए लोकसभा कक्ष में 1,280 सांसदों को जगह मिल सकती है। त्रिकोणीय आकार की चार मंजिला इमारत 64,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में बना है। इसके तीन मुख्य द्वार हैं - ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार। वीआईपी, सांसदों और आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

आर्टिकल की समाप्ति

© 2023 Bennett, Coleman & Company Limited