'सिर्फ निंदा नहीं होगी, श्रमिकों की मौत का बदला लेंगे...' गांदेरबल आतंकी हमले पर LG की दो टूक
Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने कहा है कि 'दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई... कल जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और मैंने पीड़ितों से भी मुलाकात की। आज मैंने मृतक के परिवार से मुलाकात की। सुरक्षा बलों को खुली छूट दी गई है और जिन लोगों ने यह कृत्य किया है, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।'
मनोज सिन्हा ने मृतक के परिवार से मुलाकात की।
Ganderbal Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि सुरक्षा बल गांदेरबल में हुए क्रूर आतंकी हमले में जान गंवाने वाले श्रमिकों की मौत का बदला लेंगे और ऐसी कार्रवाई करेंगे जिसे आतंकवादी भविष्य में भी याद रखेंगे। सिन्हा ने मृतकों के लिए न्याय की जरूरत रेखांकित की तथा पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह क्षेत्र में शांति भंग करने के लिए अभी भी निर्दोष लोगों की हत्या करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने अधिकारियों को पीड़ित परिवारों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया।
'क्रूर और बर्बर हमले का लिया जाएगा बदला'
गांदेरबल जिले के गुंड में एक निर्माणाधीन सुरंग में हुए आतंकवादी हमले में कश्मीर के एक डॉक्टर और छह गैर-स्थानीय मजदूरों सहित सात लोगों की जान चली गई, जबकि पांच लोग घायल हो गए। सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में सिन्हा ने कहा, 'श्रमिकों के खिलाफ हुए क्रूर और बर्बर हमले का बदला लिया जाएगा। मैंने जम्मू-कश्मीर पुलिस, सुरक्षा बलों से ऐसी कार्रवाई करने को कहा है जिसे आतंकवादी और उनके सहयोगी भविष्य में भी याद रखेंगे।'
इससे पहले एक समारोह को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने कहा, 'हम कल के कायरतापूर्ण हमले को नहीं भूलेंगे।' एलजी ने कहा, 'पड़ोसी देश से अभी भी खतरा बना हुआ है। यह अब भी इस क्षेत्र में निर्दोष लोगों को मारने और यहां शांति भंग करने की कोशिश कर रहा है।' सिन्हा ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी रोकने और आतंकवाद निरोधी अभियानों में सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'हमें यहां मादक पदार्थों की तस्करी रोकने की जरूरत है। हमें संभावित खतरों के प्रति सजग रहने और आतंकवाद निरोधी अभियानों में सुधार करने की जरूरत है।'
गांदेरबल में हुए आतंकी हमले पर क्या बोले मनोज सिन्हा?
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने कहा कि निर्दोष लोगों की रक्षा की जानी चाहिए और दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। उपराज्यपाल ने कर्तव्य निर्वहन के दौरान शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनके बलिदान को सदैव याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा, 'हमारे सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी है और उनके सम्मान में 'बलिदान स्तम्भ' का निर्माण किया गया है। उनका बलिदान सर्वोच्च है।'
मनोज सिन्हा ने ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों के परिवारों को आश्वासन दिया कि उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, बीमा कवर और अन्य चीजों का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा, 'हम उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए उनके साथ हैं।' उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षा बलों के बलिदान का सम्मान करना चाहिए क्योंकि कोई भी राष्ट्र तब तक विकास नहीं कर सकता जब तक वह सुरक्षित न हो।
उन्होंने कहा, 'जब भी कोई घटना होती है, तो पुलिस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है, इसलिए मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे हमारे सुरक्षा बलों के बलिदान का सम्मान करें और उनका हौसला बढ़ाएं।' सिन्हा ने कहा, 'हमें उन्हें सलाम करना चाहिए क्योंकि वे न तो हिंदू हैं, न मुस्लिम और न ही सिख। क्षेत्र में शांति के लिए मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे इस विकास प्रक्रिया में समान रूप से भाग लें।'
बिना देरी मृतक के परिजनों को मुआवजा जारी करने का निर्देश
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग के प्रधान सचिव चंद्राकर भारती को आतंकवादी हमले जान गंवाने वाले नागरिकों के परिवारों को तत्काल वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। प्रवक्ता ने बताया कि मनोज सिन्हा ने उस कंपनी से भी कहा है जिसके लिए सात मृतक काम कर रहे थे कि वह बिना किसी देरी के मुआवजा जारी करे। एपीसीओ इंफ्राटेक के अधिकारियों ने एलजी को हमले में जान गंवाने वाले नागरिकों के परिजनों को दी जा रही सहायता के बारे में जानकारी दी।
सुरक्षा संबंधी व्यय के तहत प्रत्येक मृतक नागरिक के परिजनों को छह लाख रुपए तथा एपीसीओ इंफ्राटेक द्वारा 15 लाख रुपए दिए जाएंगे। सभी घायलों को दो लाख रुपए की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। एपीसीओ इन्फ्राटेक कॉरपोरेट व्यक्तिगत दुर्घटना पॉलिसी के तहत कार्यरत नागरिकों के परिवारों को वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी तथा बीमा से मुआवजे के रूप में उनके सकल सीटीसी का पांच वर्ष का हिस्सा भी प्रदान करेगी। सिन्हा ने कहा, ' यह एक अपूरणीय क्षति है और इसकी आर्थिक रूप से भरपाई नहीं की जा सकती, फिर भी हम शहीद नागरिकों के परिवारों के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।'
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