नौ साल तक लापता रही मुंबई की पूजा गौड़, आखिरकार ऐसे अपनी मां तक पहुंची

पुलिस शिकायत रजिस्टर में पूजा को 'गर्ल नंबर 166' के रूप में दर्ज किया गया। मई 2015 तक पुलिस ने सभी 165 लड़कियों को ढूंढ निकाला लेकिन पूजा का पता नहीं चल सका। परिवार ने पूजा को वापस पाने की उम्मीद करीब-करीब छोड़ दी थी।

missing girl pooja gaud

2013 में स्कूल जाते समय पूजा का अपहरण हुआ।

Pooja Gaud : नौ साल तक अपने परिवार से दूर रहने के बाद यदि कोई बच्चा वापस अपने माता-पिता से मिले तो उसकी खुशियों का ठिकाना नहीं रहेगा। मुंबई की पूजा गौड़ ऐसी ही एक बच्ची है। पूजा जब सात साल की थी तो उसका अपहरण हो गया लेकिन इस महीने वह अपने परिवार के पास आ गई। मुंबई पुलिस ने पूजा को उनकी मां तक पहुंचाया है। नौ साल पहले अंधेरी की जुहू गली से उनका अपहरण हो गया। उस समय पूजा की उम्र सात साल थी। पुलिस के पास उसके अपहरण की शिकायत दर्ज हुई थी। पुलिस की फाइल में वह 'मिसिंग गर्ल नंबर 166' के रूप में दर्ज थी।

पिता की मौत इसी साल हुई

पूजा अब 14 साल की हो गई है। इनके पिता संतोष अब इस दुनिया में नहीं हैं। पिता की मौत इसी साल अप्रैल में हुई। पूजा की मां का नाम पूनम गौड़ है और वह अंधेरी स्टेशन के बाहर चना बेचती हैं। पूजा के दो भाई हैं। बडे़ भाई का नाम रोहित (19) और छोटे भाई का नाम राहुल (12) है। पूजा का परिवार गिल्बर्ड हिल की झुग्गियों में रहता है। गत 22 जनवरी को 2013 को पूजा जब स्कूल जा रही थी तो रास्ते में उसका अपहरण हो गया। परिवार ने अपनी बेटी के लापता होने की शिकायत डीएन नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई।

'गर्ल नंबर 166' के रूप में दर्ज दी पूजा

पुलिस शिकायत रजिस्टर में पूजा को 'गर्ल नंबर 166' के रूप में दर्ज किया गया। मई 2015 तक पुलिस ने सभी 165 लड़कियों को ढूंढ निकाला लेकिन पूजा का पता नहीं चल सका। परिवार ने पूजा को वापस पाने की उम्मीद करीब-करीब छोड़ दी थी। इस केस पर एएसआई राजेंद्र भोसले काम कर रहे थे लेकिन मई 2015 में वह रिटायर हो गए। रिटायर होने के बाद भी उन्होंने पूजा की तफ्तीश जारी रखी और उन्होंने लापता लड़की को ढूंढ निकाला।

इस तरह उठा अपहरण से पर्दा

रिपोर्टों के मुताबिक पूजा का अपहरण कथित रूप से हैरी डिसूजा एवं उसकी पत्नी सोनी ने कराया। बिजलीकर्मी डिसूजा स्कूल से बाहर पूजा से मिला और उसे आइसक्रीम खिलाने के नाम पर अपने साथ ले गया। डिसूजा परिवार ने पूजा को एनी के रूप में नया नाम दिया और उसे कर्नाटक भेज दिया। यहां पर उसे एक बोर्डिंग स्कूल में रखा गया। इसी बीच डिसूजा के परिवार में बच्चे ने जन्म लिया। बच्चे के जन्म के बाद परिस्थितियां बदल गईं। नवजात बच्चे की देखभाल के लिए पूजा को वापस मुंबई लाया गया। यही नहीं डिसूजा दंपति पूजा को आस-पड़ोस के घरों में काम के लिए भेजने लगा। इसी दौरान पूजा ने अपने एक साथी को बताया कि डिसूजा एवं सोनी उसके असली माता-पिता नहीं हैं। इसके बाद पूजा के अपहरण मामले का खुलासा हुआ।

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