समझिए क्यों अडानी ग्रुप को चेलैंज कर रहा है हिंडनबर्ग, पर्दे के पीछे का खेल जानकर रह जाएंगे दंग!

Hindenburg Research: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर इन दिनों जहां एक तरफ संसद में हंगामा मचा हुआ है वहीं शेयर बाजार में अडाणी ग्रुप अभी तक हजारों करोड़ रुपये का नुकसान उठा चुका है। लेकिन हम आपको यहां एक ऐसी सच्चाई बता रहे हैं जिसे जानकर आप भी दंग रह जाएंगे।

Hindenburg Research: हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप (Adani Group) को अमेरिका में आकर केस करने की चुनौती दी जिसे लेकर ये माहौल बना दिया गया कि देख लो खुल्ली चुनौती दे रहा है हिंडनबर्ग।अब इस चुनौती का सच क्या है आपको वो भी बताते हैं। पहले ये जान लीजिए कि 2017 में बनी अमेरिका की ये रिसर्च कंपनी अब तक करीब 20 फर्म को टारगेट कर चुकी है और इसमें से सिर्फ 2 की कंपनियों ने हिंडनबर्ग में खिलाफ मानहानि का केस किया। - पहली कंपनी - चीन की रियल इस्टेट डेवलपर Yangtze (यांग्ज़े)River Port and Logistics Ltd और दूसरी कंपनी - Eros International Entertainment company है।

चीनी कंपनी को किया बर्बाद

साल 2018 में हिंडनबर्ग ने चीन की रियल इस्टेट कंपनी Yangtze के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की, ठीक वैसे ही जैसे अडानी ग्रुप के खिलाफ जारी की है। रिपोर्ट में कहा गया कि ये कंपनी केवल पैसे ट्रांसफर करने के लिए बनी है, जो अमेरिका के निवेशकों का पैसा कंपनी के चेयरमैन और उसके शेयरहोल्डर्स को ट्रांसफर करती है। इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद चीन की कंपनी ने Yangtze ने हिंडनबर्ग के फाउंडर Nathan Anderson और उनकी सहायक कंपनी ClaritySpring Inc के खिलाफ अमेरिका की अदालत में मानहानि का केस किया। साल 2019 में इस केस का फैसला आया। अमेरिका की अदालत ने केस खारिज कर दिया।

चीन की कंपनी के मानहानि केस से हिंडनबर्ग तो बच गया लेकिन हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से चीन की कंपनी Yangtze (यांग्ज़े)River Port and Logistics Ltd बर्बाद हो गई। चीन की कंपनी Yangtze पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 6 दिसंबर 2018 को और 7 दिसंबर 2018 शेयर के दाम - 8 .28 डॉलर थे वो 15 फरवरी 2018 को (प्वाइंट)40 डॉलर हो गए और आज की तारीख में (प्वाइंट)00020 डॉलर है।

भारतीय कंपनी के साथ भी किया था ये खेल!हिंडनबर्ग के खिलाफ एक और केस के बारे में आपको बताते हैं। ये केस भारतीय Entertainment कंपनी Eros से जुड़ा हुआ है। 7 जून 2019 को हिंडनबर्ग ने ऐसे ही Eros कंपनी पर अकाउंट्स में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। Eros कंपनी ने भी अमेरिकी कोर्ट में हिंडनबर्ग पर मानहानि का केस किया।Eros कंपनी ने आरोप लगाया कि हिंडनबर्ग और उसकी सहायक कंपनी ने साजिश कर उसके शेयर के दाम गिरा दिए। Eros कंपनी ने आरोप लगाया कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के पीछे उसके व्यापारिक दुश्मन हैं जो Eros कंपनी के खिलाफ गलत जानकारी फैला रहे हैं लेकिन अमेरिकी कोर्ट में हिंडनबर्ग की फिर से जीत हुई। अमेरिकी कोर्ट ने फिर एक बार कहा कि ये हिंडनबर्ग का सिर्फ Opinion मात्र है। कोर्ट ने यहां तक कहा कि कोई भी तार्किक रीडर को समझ में आएगा कि हिंडनबर्ग ने खबरों के आधार पर अपना Opinion दिया है।

करता है बड़ी चालाकीहिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में इस तरह के वाक्यों का प्रयोग करता है जो उसे कानूनी रूप से बचाता है। जैसे चीन की कंपनी के खिलाफ रिपोर्ट में दो वाक्यों का प्रयोग किया और ये दो वाक्य ही कोर्ट में हिंडनबर्ग की ढाल बनें-

- We think यानी हम ऐसा सोचते हैं

- We believe यानी हमें ऐसा भरोसा है

अडाणी ग्रुप के खिलाफ किया खेल इस तरह अडानी ग्रुप के खिलाफ रिपोर्ट में भी हिंडनबर्ग ने यही खेल किया है। आपके सामने हिंडनबर्ग की उस रिपोर्ट का स्क्रीन शाट् है । रिपोर्ट में 9 जगह We believe शब्द का इस्तेमाल है। अमेरिकी कानून के जानकार बताते हैं कि अमेरिका के ज्यादातर कोर्ट में पब्लिक ट्रेडेड कंपनियों के financial analysis को opinion मानकर उसे कानूनी संरक्षण दिया जाता है। किसी भी फाइनेंशियल केस में अमेरिकी कोर्ट ज्यादातर यही देखते हैं कि क्लेम किया गया स्टेटमेंट सही है या गलत और सबसे अहम कि उसका संदर्भ क्या है। किसी कंपनी के financial analysis को pure opinion माना जाता है।

तो इसीलिए दी चुनौती यही वजह है कि हिंडनबर्ग अडानी ग्रुप को भी अमेरिका में आकर केस करने की चुनौती दे रहा है क्योंकि वो जानता है कि अमेरिका के कानून में ऐसे प्रावधान हैं जिससे वो बड़ी आसानी से किसी को बदनाम करने भी बच सकता है। हिंडनबर्ग के पास अपने ही समर्थन में आए अमेरिकी कोर्ट के दो ऐसे जजमेंट हैं जो काफी लेटेस्ट हैं और जिसके दम पर हिंडनबर्ग के खिलाफ कोर्ट में केस टिकना मुश्किल है।

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