किसानों के कूच के बीच केंद्र सरकार के खिलाफ नया मोर्चा, दिल्ली में वाम मोर्चा और द्रमुक ने किया विरोध प्रदर्शन

केरल के सीएम विजयन ने बुधवार को कहा कि केरल के प्रति केंद्र के भेदभाव से राज्य में आर्थिक तंगी है और इसी कारण वे प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हुए हैं।

Pinarayi Vijayan

पिनराई विजयन

Left Front and DMK Protest: एक तरफ जहां आज नोएडा के किसान केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने दिल्ली पहुंचे, वहीं केंद्र के खिलाफ दिल्ली में एक और सियासी मोर्चा खुला। केरल का वाम मोर्चा और तमिलनाडु का द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रविड़) भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार के खिलाफ आज विरोध प्रदर्शन किया। इन दलों ने केंद्र पर अनदेखी करने और उनके राज्यों में कोष आवंटन में भेदभाव करने का आरोप लगाया है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया।

विजयन की अगुवाई में प्रदर्शन

केरल के वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के नेताओं, सांसदों ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अगुवाई में केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में आज जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया। विजयन ने केंद्र सरकार पर राज्यों को कर में उनका हिस्सा नहीं देने और विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में राज्यपालों के जरिए सरकार के कामकाज में बाधा डालने का आरोप लगाया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, द्रमुक नेता तिरुचि शिवा और पलानीवेल त्यागराजन, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

कहा- आज हम नए सिरे से लड़ाई की शुरुआत कर रहे हैं

विजयन ने अपने संबोधन में इन आरोपों को भी खारिज किया कि इस प्रदर्शन से उत्तर-दक्षिण के बीच खाई बढ़ेगी। केरल के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह यहां इसलिए हैं कि राज्य के लोगों के हितों पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा, हम सभी इसके खिलाफ अपना कड़ा विरोध दर्ज कराने और भारत के संघीय ढांचे को बनाए रखने के लिए एक साथ आए हैं। आज हम नए सिरे से लड़ाई की शुरुआत कर रहे हैं जो राज्यों के साथ न्यायसंगत व्यवहार सुनिश्चित करने की शुरुआत करेगी। विजयन ने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में राज्यपाल केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं और राज्य सरकार के काम में बाधा डाल रहे हैं।

उन्होंने कहा, जिस प्रकार से विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में राज्यपाल कामकाज कर रहे हैं उससे केन्द्र बनाम राज्य की मानसिकता प्रदर्शित होती है। संवैधानिक रूप से, राज्यपालों को राज्य मंत्रिमंडलों की सलाह पर अपने कर्तव्यों का पालन करना होता है। लेकिन हम विपक्ष शासित राज्यों में राज्यपालों द्वारा उन्हें नियुक्त करने वाली शक्तियों यानी केंद्र सरकार के इशारे पर काम करने के रुख को देख सकते हैं। विजयन ने यह भी कहा कि उनका विरोध प्रदर्शन देश में संघवाद को बचाने के लिए है।

वाम मोर्चे के मंत्री, विधायक और सांसद शामिल होंगे

प्रदर्शन में वाम मोर्चे के मंत्री, विधायक और सांसद शामिल हुए। विजयन ने बुधवार को कहा कि केरल के प्रति केंद्र के भेदभाव से राज्य में आर्थिक तंगी है और इसी कारण वे प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली ने सहकारी संघवाद को कमजोर किया है। द्रमुक के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व पार्टी के वरिष्ठ नेता टी आर बालू करेंगे।

द्रमुक का केंद्र पर आरोप

अंतरिम बजट 2024-25 में तमिलनाडु को अपेक्षित धन का आवंटन न करने पर केंद्र के विरोध में पार्टी के सदस्य संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन करेंगे। द्रमुक का आरोप है कि तमिलनाडु को चक्रवात, बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान से निपटने के लिए उचित धनराशि नहीं दी गई और केंद्र सरकार ने राज्य के साथ भेदभाव किया।

कर्नाटक कांग्रेस सीएम-विधायकों ने भी किया प्रदर्शन

बता दें कि दो दिन पहले ही केंद्र सरकार की टैक्स हस्तांतरण नीति के खिलाफ कर्नाटक के कांग्रेस विधायक और सांसदों ने नई दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन किया था। जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में सीएम सिद्धारमैया, डिप्टी-सीएम डीके शिवकुमार सहित सभी कांग्रेस विधायक, एमएलसी, एक लोकसभा सांसद और पांच राज्यसभा सांसद शामिल हुए। केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन में विधायकों के साथ-साथ कर्नाटक के कांग्रेस पदाधिकारियों और युवा कांग्रेस के सदस्य भी शामिल हुए।

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