Moon Mission: अब सिर्फ चमत्कार की उम्मीद! नहीं जाग पाए विक्रम और प्रज्ञान, बीतता जा रहा समय
Moon Mission: बार-बार प्रयास करने के बावजूद, इसरो अब तक विक्रम से संपर्क करने में असफल रहा है। इसरो 30 सितंबर को होने वाले अगले सूर्यास्त तक लैंडर और रोवर के साथ संपर्क स्थापित करने के अपने प्रयास जारी रखेगा।
अभी तक नींद से नहीं जाग पाए विक्रम और प्रज्ञान (फोटो- ISRO)
Moon Mission: अगर अब तक के घटनाक्रम पर नजर डालें तो इस बात की संभावना ज्यादा है कि भारत का चंद्र मिशन खत्म हो चुका है। चांद की सतह पर मौजूद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से इसरो अबतक संपर्क करने में असफल रहा है। हां अगर कोई चमत्कार हुआ तो शायद ये संपर्क हो पाएगा। हालांकि इसरो अंतरिक्ष की दुनिया में चमत्कार करने के लिए ही जाना जाता है। चंद्र मिशन से लेकर मंगल मिशन तक और अब सूर्य मिशन तक में इसरो ने कई चमत्कार किए हैं।
अब तक की कहानी
इसरो ने जब भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च किया तो इसकी समयावधि चांद की सतह पर 14 दिनों की थी। क्योंकि 14 दिनों बाद यहां रात हो जाती, जिसके कारण और चंद्रयान सौर्य ऊर्जा से वंचित हो जाता और काम करना बंद कर देता। इस तरह भारत का मून मिशन सफल रहा, क्योंकि भारत के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान ने 14 दिन आराम से निकाल लिए, काफी रिसर्च किया, उसके बाद जब रात हुई तो इसरो ने विक्रम और प्रज्ञान को सुला दिया, ताकि बाद में जब सूर्योदय हो, तो इन्हें वो जगा सके और जब ये जाग जाएं, तो बोनस के रूप में मिशन को फिर से शुरू कर सके।
लगी है असफलता हाथ
बार-बार प्रयास करने के बावजूद, इसरो अब तक विक्रम से संपर्क करने में असफल रहा है। इसरो 30 सितंबर को होने वाले अगले सूर्यास्त तक लैंडर और रोवर के साथ संपर्क स्थापित करने के अपने प्रयास जारी रखेगा। एजेंसी को अभी भी उम्मीद है कि वो विक्रम और प्रज्ञान से संपर्क स्थापित कर लेगी। हालांकि, अभी यह अनिश्चित है कि चंद्रयान-3 से संपर्क कब स्थापित किया जाएगा।
चांद पर क्या-क्या मिला
रोवर ने शिव शक्ति प्वाइंट से चंद्रमा की सतह पर 100 मीटर से अधिक की दूरी तय की है, जिससे चंद्रमा पर सल्फर, लोहा, ऑक्सीजन और अन्य तत्वों की उपस्थिति की पुष्टि हुई है।
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