अयोध्या के एक और 'सीताराम' बना रहे लोगों के काम, जानिए इस अनोखे बैंक की दिलचस्प बातें
भगवान राम की पवित्र भूमि पर एक अनोखा बैंक है जहां पैसा कोई मायने नहीं रखता। इसके 35,000 खाताधारकों को केवल मन की शांति, विश्वास और आध्यात्मिकता ही मिलती है।
अयोध्या का सीताराम बैंक
Shree Sitaram Bank: अयोध्या में इन दिनों रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच कर रामलला के दर्शन कर रहे हैं। इनकी संख्या में हर दिन बढ़ोतरी हो रही है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही अयोध्या लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया है और देश के कोने-कोने से लोग नए बने राम मंदिर को देखने के लिए उमड़ रहे हैं। इस बीच यहां का पांच दशक पुराना बैंक भी चर्चा में है। हम आपको इसी बैंक की कुछ खासियतें बता रहे हैं।
भगवान राम की पवित्र भूमि पर अनोखा बैंकभगवान राम की पवित्र भूमि पर एक अनोखा बैंक है जहां पैसा कोई मायने नहीं रखता। इसके 35,000 खाताधारकों को केवल मन की शांति, विश्वास और आध्यात्मिकता ही मिलती है। नए बने राम मंदिर को देखने आने वाले भक्तों और पर्यटकों का ध्यान खींचने वाला अंतर्राष्ट्रीय श्री सीताराम बैंक इन दिनों चर्चा में है। अयोध्या के इस खास अंतर्राष्ट्रीय श्री सीताराम बैंक के बारे में 10 दिलचस्प बातें जानिए।
1. अंतर्राष्ट्रीय श्री सीताराम बैंक में जमा राशियां दरअसल पुस्तिकाएं हैं जिनके सभी पृष्ठों पर "सीताराम" लिखा हुआ है।
2. इस आध्यात्मिक बैंक की स्थापना नवंबर 1970 में श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास ने की थी।
3. सीताराम बैंक के भारत और अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, नेपाल, फिजी, यूएई और अन्य देशों सहित विदेशों में 35,000 से अधिक खाताधारक हैं।
4. बैंक के पास भगवान राम के भक्तों से 20,000 करोड़ 'सीताराम' पुस्तिकाओं का संग्रह है।
5. बैंक के प्रबंधक पुनीत राम दास महाराज के अनुसार, पिछले महीने भव्य मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के बाद बैंक में दैनिक आगंतुकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
6. बैंक भक्तों को मुफ्त पुस्तिकाएं और लाल पेन प्रदान करता है और हर खाते का हिसाब रखता है। बैंक में खाता खुलवाने के लिए कम से कम 5 लाख बार 'सीताराम' लिखना पड़ता है और फिर पासबुक जारी की जाती है।
7. पूरे भारत और विदेशों में भी बैंक की 136 शाखाएं हैं। खाताधारक डाक से पुस्तिकाएं भी भेजते हैं और यहां बही-खाता रखा जाता है।
8.. पुनीत राम कहते हैं कि आगंतुक सीताराम लिखने और इसे बैंक में जमा करने के लाभों पर भी सवाल उठाते हैं। मैं उनसे कहता हूं कि जिस प्रकार हम आंतरिक शांति, आस्था और सदाचार के लिए देवी-देवताओं के मंदिरों में जाते हैं, उसी प्रकार 'सीताराम' लिखकर उसे बैंक में जमा करना भी एक प्रकार की प्रार्थना है।
9. भक्तों को भगवान राम का नाम लिखने, जपने और स्मरण करने में सांत्वना और गहन आध्यात्मिक समृद्धि मिलती है।
10. पुनीत राम दास ने कहा, ऐसा माना जाता है कि 84 लाख बार नाम लिखने से 'मोक्ष' की प्राप्ति होती है।
22 जनवरी को हुई प्राण प्रतिष्ठाबता दें कि 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रतिष्ठा समारोह हुआ था जिसमें भव्य मंदिर में भगवान राम की एक नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। देश के करोड़ों लोगों ने टेलीविजन पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह देखा था। इस मौके पर 7000 लोगों को आमंत्रित किया गया था जिसमें देश-विदेश की सैकड़ों हस्तियां भी शामिल थीं। क्रिकेटरों से लेकर मनोरंजन जगह की हस्तियों को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बुलाया गया था।
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