पुलिस से झड़पों के बीच किसानों का प्रदर्शन जारी, सरकार के साथ आज हो सकती है तीसरे दौर की बातचीत, जानें अब तक क्या-क्या हुआ
किसानों के इस प्रदर्शन ने 2020-21 के विरोध प्रदर्शन की याद दिला दी जब हजारों किसानों खास तौर से पंजाब से भारी संख्या में दिल्ली पहुंचे थे। तब राजधानी में व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी।
किसानों का प्रदर्शन जारी
Farmers Protest: पंजाब-हरियाणा सीमा पर पुलिस के साथ झड़पों के बीच प्रदर्शनकारी किसानों का प्रदर्शन जारी है। आंसू गैस, पानी की बौछारों और पुलिस के साथ झड़पों के बाद प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली की ओर अपना मार्च फिर से शुरू कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, प्रदर्शनकारी किसानों का एक समूह गुरुवार को तीन केंद्रीय मंत्रियों की एक टीम से मुलाकात कर सकता है। केंद्र ने किसान नेताओं को एक सप्ताह में तीसरे दौर की वार्ता के लिए आमंत्रित किया है।
शंभू में सैकड़ों ट्रैक्टर ट्रॉलियां कतार में खड़ी
पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू में सैकड़ों ट्रैक्टर ट्रॉलियां कतार में खड़ी हैं। भारी सुरक्षा तैनाती, कंक्रीट बैरिकेडिंग और इन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए खोदी गई सड़कों के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने अपना 'दिल्ली चलो' मार्च जारी रखा है। प्रदर्शनकारियों को बैरिकेड के पास जाने से रोकने के लिए पुलिस कर्मियों ने बुधवार को फिर से उन पर आंसू गैस के गोले दागे। दिल्ली और आसपास पर मौजूद एक्सप्रेसवे लगातार दूसरे दिन रेंगने वाले सड़कों में तब्दील हो गए। ट्रैफिक प्रतिबंध और भारी पुलिस बैरिकेडिंग के कारण वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई है।
2020-21 के विरोध प्रदर्शन की याद दिलाई
किसानों के इस प्रदर्शन ने 2020-21 के विरोध प्रदर्शन की याद दिला दी जब हजारों किसानों खास तौर से पंजाब से भारी संख्या में दिल्ली पहुंचे थे। उस वक्त भी दिल्ली के रास्ते में लगे बैरिकेड्स को ध्वस्त कर प्रदर्शनकारी दिल्ली में घुस आए थे। वहीं, इस बार इन्हें रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले, पानी की तोपे और कंक्रीट के अवरोधक और ड्रोन सहित विभिन्न उपाय अपनाए। केंद्र के साथ बेनतीजा बातचीत के बाद 'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा कर रहे हैं। इनकी मांगों में फसलों के लिए एमएसपी पर कानून और कर्ज माफी प्रमुख रूप से शामिल है।
तीसरे दौर की हो सकती है बातचीत
खबरों के मुताबिक, प्रदर्शनकारी किसानों की आज केंद्र के साथ तीसरे दौर की बातचीत होने की संभावना है। गुरुवार को किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्री के बीच तीसरे दौर की बैठक हो सकती है। किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि पुलिस के साथ चल रहे गतिरोध के बीच केंद्र सरकार के साथ चर्चा तब तक आगे नहीं बढ़ेगी जब तक कि कर्मियों द्वारा गोलाबारी बंद नहीं हो जाती।
किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े
हरियाणा पुलिस ने दोनों राज्यों के बीच शंभू सीमा पर पंजाब के किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े, क्योंकि हजारों प्रदर्शनकारी वहीं रुके हुए हैं। भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहन) ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों ने घोषणा की है कि वे गुरुवार को भी पंजाब में सात स्थानों पर रेलवे पटरियों पर कब्जा करके अपना आंदोलन जारी रखेंगे। यह घोषणा शंभू और खनौरी सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ हरियाणा पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारों के इस्तेमाल की प्रतिक्रिया के रूप में आई है।
पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी दोनों घायल
पंजाब के किसानों को दो प्रमुख सीमा बिंदुओं पर हरियाणा पुलिस के सख्त प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोकने के लिए आंसू गैस, पानी की बौछारें और अन्य साधनों का इस्तेमाल किया। झड़पों में पुलिस बल और प्रदर्शनकारियों दोनों को चोटें आईं। अधिकारियों ने बताया कि 24 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जबकि किसान नेताओं ने दावा किया कि 60 से अधिक प्रदर्शनकारियों को चोटें आई हैं।
प्रदर्शनकारियों ने किया पथराव
पुलिस ने ने किसानों को रोकने के लिए पानी की बौछारों, सीमेंट अवरोधकों, रेत की थैलियों और टायर डिफ्लेटर के साथ-साथ आंसू गैस के कनस्तर ले जाने वाले ड्रोन तैनात किए हैं। पुलिस की अपील के बावजूद, स्थिति तब बिगड़ गई जब प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया और बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की। लंबे संघर्ष का संकेत देते हुए किसान छह महीने के राशन और डीजल से लैस होकर आए हैं, जिससे आसानी से पीछे न हटने का उनका इरादे साफ हो गया है।
एसकेएम ने कहा, बातचीत के लिए तैयार
झड़पों के मद्देनजर पंजाब सरकार ने हरियाणा सीमा के पास के अस्पतालों को अलर्ट पर रख दिया है और एम्बुलेंस की संख्या बढ़ा दी है। उन्होंने हरियाणा सरकार से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अत्यधिक बल प्रयोग से परहेज करने का भी आग्रह किया है। इस बीच, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसान सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं। किसान नेता ने यह भी कहा कि प्राथमिकता यह है कि बातचीत चंडीगढ़ या विरोध स्थल के आसपास कहीं हो।
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