Chandrayaan-3: अगर 23 अगस्त को सब ठीक नहीं रहा तो इसरो के पास है Plan B, करेगा ये काम

23 अगस्त को चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने से दो घंटे पहले इसरो लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा पर स्थितियों का आंकलन करते हुए फैसला लेगा।

Chandrayaan -3 ISRO plan B

इसरो का प्लान-बी तैयार

Chandrayaan-3: 23 अगस्त को चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर लैंड करेगा। शाम 6 बजकर 4 मिनट पर सॉफ्ट लैंडिंग होगी। देशवासियों को इसका बेसब्री से इंतजार है। लेकिन इस दिन अगर कुछ प्रतिकूल हालात रहे तो इसरो इसके लिए भी तैयार है। अगर 23 अगस्त को सब कुछ ठीक नहीं रहा तो इसरो के पास प्लान भी तैयार है। क्या है ये इसरो का ये प्लान आइए जानते हैं।

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इसरो के वैज्ञानिक ने इसे लेकर खुलासा किया है। Space Applications Centre-ISRO के डायरेक्टर नीलेश एम. देसाई ने कहा है कि अगर 23 अगस्त को स्थितियां अनुकूल नहीं हुई तो लैंडिंग की तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है। ऐसे स्थिति में 27 अगस्त को लैंडिंग को अंजाम दिया जाएगा। नीलेश एम. देसाई ने कहा है कि 23 अगस्त को चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने से दो घंटे पहले हम लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा पर स्थितियों का आंकलन करेंगे और उसी आधार पर निर्णय लेंगे।

तो आगे बढ़ सकती है लैंडिंग की तारीख

वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि अभी तक हमें चंद्रयान-3 की लैंडिंग में कोई परेशानी नहीं दिख रही है। सब कुछ हमारे अनुरूप ही चल रहा है। 23 अगस्त को लैंडिंग से 2 घंटे पहले हम लैंडर मॉड्यूल को कमांड देंगे और स्थितियों का आकलन करेंगे। अगर हमें कुछ भी आपत्तिजनक लगता है तो हम चंद्रयान-3 की लैंडिंग को स्थगित कर देंगे और 27 अगस्त को लैंडर को चंद्रमा पर उतारेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कोई समस्या नहीं होनी चाहिए और हम 23 अगस्त को मॉड्यूल को चंद्रमा पर उतारने में सक्षम होंगे।

क्या-क्या करेंगे लैंडर और रोवर

लैंडर 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा, जबकि प्रणोदन मॉड्यूल चंद्रमा के चारों ओर परिक्रमा करता रहेगा और पृथ्वी के वायुमंडल का अध्ययन करता रहेगा। यह एक्सोप्लैनेट के हस्ताक्षर भी जमा करेगा जो हमारी रहने योग्य स्थिति के लिए योग्य होंगे। लैंडर के नीचे छूने और चंद्रमा की धूल जमने के बाद 'प्रज्ञान' रोवर विक्रम लैंडर से नीचे लुढ़क जाएगा। फिर लैंडर रोवर की तस्वीरें लेगा। चंद्रमा पर उतरने के बाद रोवर चंद्रमा की सतह की संरचना और भूविज्ञान पर डेटा एकत्र करेगा, जिससे व्यापक अनुसंधान का मार्ग खुलेगा।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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