पिज्जा-बर्गर जैसे जंक फूड्स के लिए क्यों ललचाता है मन, नई स्टडी में हुआ खुलासा, हो सकती है ये बड़ी वजह
Why Does Mind Crave For Junk Foods In Hindi: आपने अक्सर देखा होगा कि अगर हमारी आंखों के सामने पिज्जा-बर्गर आदि जैसे जंक फूड आ जाएं, तो जीभ ललचाने लगती है। बल्कि कई बार यह इतना अधिक हो जाता है कि लोग क्रेविंग कंट्रोल नहीं कर पाते और जंक फूड खाना शुरू कर देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि आखिर ऐसा होता क्यों है? हाल ही में एक नई स्टडी में इसके पीछे के कारणों का पता चला है। चलिए जानते हैं इसके बारे में...

Why Does Mind Crave For Junk Foods In Hindi
Why Does Mind Crave For Junk Foods In Hindi: आपने कई बार सोचा होगा कि जब सामने पिज्जा, बर्गर या आइसक्रीम रखी हो तो मन क्यों मचल उठता है? भूख हो या ना हो, इन चीजों को देखकर खुद को रोक पाना मुश्किल हो जाता है। हम सोचते हैं “बस आज खा लेते हैं, कल से बंद”, लेकिन ऐसा होता नहीं। अब एक नई स्टडी में इसका जवाब मिला है। BMJ मेडिकल जर्नल में छपी रिसर्च के मुताबिक, पिज्जा-बर्गर जैसे जंक फूड्स हमारे दिमाग पर कुछ ऐसे असर करते हैं जैसे शराब या सिगरेट करती है। इसीलिए इनकी लत लग जाती है और बार-बार खाने का मन करता है।
जंक फूड से लगता है नशे जैसा एहसास
स्टडी के मुताबिक जब हम पिज्जा, चिप्स या बर्गर खाते हैं, तो दिमाग में डोपामाइन नाम का एक केमिकल रिलीज होता है। ये वही केमिकल है जो हमें खुशी का एहसास कराता है। इसलिए हमें ये खाना अच्छा लगता है और हम बार-बार इसे खाना चाहते हैं, ठीक वैसे ही जैसे किसी नशे की चीज़ को बार-बार लेने का मन करता है।
हर पांच में से एक इंसान इसकी लत का शिकार
इस रिसर्च में बताया गया कि हर पांच में से एक व्यक्ति ऐसा है जो इन अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का आदी हो चुका है। यानी उसे चाहकर भी ये चीजें छोड़नी मुश्किल हो जाती हैं। इसे “फूड एडिक्शन” कहा जाता है।
मूड और दिमाग पर भी असर डालता है ये खाना
ये सिर्फ पेट भरने का मामला नहीं है। रिसर्च में पाया गया कि जो लोग रोजाना या ज्यादा मात्रा में ये जंक फूड खाते हैं, उनके मूड में चिड़चिड़ापन, बेचैनी और कभी-कभी डिप्रेशन तक की समस्या देखने को मिलती है।
पोषण नहीं सिर्फ स्वाद
पिज्जा-बर्गर का स्वाद भले ही अच्छा लगे, लेकिन इनमें फाइबर, प्रोटीन और जरूरी पोषक तत्वों की भारी कमी होती है। इसके बदले इनमें फैट, नमक और शुगर ज्यादा होता है, जो सेहत को नुकसान पहुंचाता है।
बच्चे और युवा सबसे ज्यादा हो रहे हैं शिकार
स्टडी में ये भी सामने आया कि बच्चे और टीनएजर्स सबसे जल्दी इसकी लत का शिकार बनते हैं। उनकी सेहत और पढ़ाई दोनों पर असर पड़ सकता है।
क्या करें?
ऐसे फूड्स को पूरी तरह छोड़ना मुश्किल है, लेकिन कोशिश करें कि इन्हें हफ्ते में एक या दो बार ही खाएं। घर का ताजा और पौष्टिक खाना रोज की आदत बनाएं।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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